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रूस निर्मित S-400 रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के मध्यरात्रि ड्रोन-मिसाइल हमले को नाकाम किया

रूस निर्मित S-400 रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के मध्यरात्रि ड्रोन-मिसाइल हमले को नाकाम किया

8 मई 2025 | नई दिल्ली / इस्लामाबाद

भारत की S-400 Triumf एयर डिफेंस प्रणाली, जो हाल ही में पश्चिमी सीमा पर तैनात की गई थी, ने पाकिस्तान द्वारा मध्यरात्रि में किए गए एक संयुक्त मिसाइल और ड्रोन हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। यह हमला भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन S-400 के प्रभावी हस्तक्षेप से इसे किसी भी महत्वपूर्ण क्षति से पहले ही नष्ट कर दिया गया।


हमला: एक सुसंगत रणनीति

8 मई 2025 को रात के लगभग 12:30 बजे, पाकिस्तान की सैन्य इकाइयों ने उन्नत ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए जम्मू और कश्मीर के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए एक हमला शुरू किया। यह हमला भारत के हाल के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में किए गए ऑपरेशनों और वहां आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाइयों का प्रतिशोध था।

हमले का विश्लेषण:

  1. ड्रोन स्वार्म:
    पाकिस्तान ने यूएवी (अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स) की एक टीम तैनात की, जिनका उद्देश्य भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों को पूरी तरह से जाम करना था। इन ड्रोन में उच्च विस्फोटक सामग्री थी, जिनका लक्ष्य सैन्य ठिकानों, राडार सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को नष्ट करना था।

  2. मिसाइल बारी:
    ड्रोन के साथ-साथ मिसाइलों का भी हमला किया गया, जो पाकिस्तान के अनिर्दिष्ट ठिकानों से दागे गए थे। इन मिसाइलों का उद्देश्य भारत के वायुसेना अड्डों और मिसाइल रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय करना था।

  3. लक्ष्य क्षेत्र:
    ये मिसाइलें और ड्रोन जम्मू और श्रीनगर में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे थे, जिनमें प्रमुख एयरबेस, राडार स्टेशनों और आपूर्ति लाइनों को नष्ट करने की योजना थी।


S-400 की भूमिका: भारत की वायु रक्षा ढाल

भारत की S-400 Triumf प्रणाली, जो हाल ही में पश्चिमी सीमा पर तैनात की गई थी, ने इस हमले को नाकाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रूस द्वारा विकसित यह उन्नत वायु रक्षा प्रणाली अपनी लंबी दूरी की निगरानी और हमले की क्षमता के लिए जानी जाती है।

“S-400 प्रणाली की सफलता ने यह साबित कर दिया कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह प्रणाली ड्रोन और मिसाइल जैसे खतरों से निपटने में सक्षम है और इसे आधुनिक युद्ध में एक महत्वपूर्ण उपकरण बना देती है।”
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारी


हमले का प्रभाव: क्या हो सकता था?

अगर S-400 ने इस हमले को नाकाम नहीं किया होता, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते थे:


अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ: वैश्विक चिंता

यह घटना न केवल भारत और पाकिस्तान, बल्कि वैश्विक समुदाय का ध्यान भी आकर्षित कर रही है:

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो:
    दोनों ने भारत के आत्मरक्षा अधिकार का समर्थन किया है और S-400 प्रणाली की प्रभावशीलता की सराहना की है। इन देशों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्नत वायु रक्षा प्रणालियां राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करती हैं।

  2. चीन:
    चीन ने इस हमले के विशिष्ट पहलुओं पर टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उसने दोनों देशों से संयम बरतने और संघर्ष को बढ़ने से रोकने की अपील की है।

  3. पाकिस्तान:
    पाकिस्तान ने हमले में अपनी भूमिका से इनकार किया है, लेकिन भारत की रक्षा प्रणालियों की आलोचना की है और इसे “अवांछित वृद्धि” करार दिया है।

  4. संयुक्त राष्ट्र:
    संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से तनाव को कम करने की अपील की है, लेकिन इस घटना पर सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया है।


रक्षा विशेषज्ञों की राय

इस सफल नाकामयाबी को लेकर रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि S-400 प्रणाली भारत की सुरक्षा के लिए बेहद प्रभावी साबित हो रही है:


निष्कर्ष: आधुनिक युद्ध में एक गेम-चेंजर

यह घटना S-400 Triumf की क्षमता को साबित करती है कि यह प्रणाली आज के वायरल हमलों और मिसाइल ड्रोन हमलों से निपटने में सक्षम है। भारत के S-400 ने न केवल अपनी एयर डिफेंस क्षमताओं को दिखाया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है और किसी भी प्रकार के खतरे का सामना करने के लिए तैयार है।

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