Satya Nadella Interview: वर्क फ्रॉम होम को लेकर सत्य नडेला ने दिया ऐसा बयान! कर्मचारियों को लग सकता है बुरा

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Satya Nadella Interview: वर्क फ्रॉम होम को लेकर सत्य नडेला ने दिया ऐसा बयान! कर्मचारियों को लग सकता है बुरा


Satya Nadella On Work From Home: कोरोना महामारी ने आज दुनिया के सभी कंपनियों के काम करने का तरीका बदल दिया है. इस कोरोना ने हमारा परिचय कोरोना, लॉकडाउन, क्वारंटीन और वर्क फ्रॉम होम जैसे कई शब्दों से भी कराया है. वर्क फ्रॉम होम कई कंपनियों के लिए जीवनदान की तरह था. इसके चलते उनका काम कभी नहीं रूका. आज इसी वर्क फ्रॉम होम कल्चर को लेकर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने एक बड़ी बात कही है. सत्या नडेला ने कहा कि कंपनियों के बॉस डरते हैं कि उनके कर्मचारी घर से काम करते समय सुस्त ना हो जाएं. उन्होंने आगे कहा कि कुछ बॉस घर से काम करने के कल्चर पर संदेह भी कर रहे हैं.

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने और क्या बयान दिया

नडेला ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी लोगों को प्रोडक्टिविटी पैरानोइया (Productivity Paranoia) की बीमारी से दूर होना होगा. आपको बता दें कि प्रोडक्टिविटी पैरानोइया शब्द का इस्तेमाल उस संबंध किया जाता है, जब कंपनियों को ऐसा लगने लगता है कि उनके कर्मचारी ज्यादा प्रोडक्टिव नहीं हैं. नडेला ने आगे कहा कि उनके पास मौजूद डाटा बताता है कि 80 प्रतिशत से अधिक लोगों को लगता है कि वे बहुत ज्यादा प्रोडक्टिव हैं लेकिन उनकी कंपनियों को लगता है कि उनके कर्मचारी ज्यादा प्रोडक्टिव नहीं हैं. कंपनी और कर्मचारियों की बात में एक अजब सा विरोधाभास दिखता है. वर्क फ्रॉम होम कल्चर को लेकर सत्या नडेला की माइक्रोसॉफ्ट के एक सर्वे के बारे में भी बात की.

क्या है उस सर्वे में

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने सर्वे ने जब अपने कर्मचारियों से बात की तो कर्मचारियों ने बताया कि वे वर्क फ्रॉम होम के दौराम ज्यादा प्रोडक्टिव रिजल्ट दे सकते हैं और इस बात को माइक्रोसॉफ्ट के 87 प्रतिशत कर्मचारियों ने कुबूल माना है. वहीं माइक्रोसॉफ्ट के 80 प्रतिशत मैनेजमेंट टीम का मानना है कि उनके कर्मचारी घर से काम करके उतना अच्छा रिजल्ट नहीं दे पा रहे हैं. अगर वो ऑफिस से वही काम करें तो ज्यादा बढ़िया आउटपुट मिलेगा. आपके बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ने वर्तमान में अपने कर्मचारियों को वर्किंग डेज में 50 फीसदी काम के लिए वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्ठा दे रखी है. नडेला ने यह भी कहा कि महामारी से पहले लिंक्डइन के केवल 2 फीसदी पदों पर काम करने वाले लोगों ने वर्क फ्रॉम होम या डिस्टेंस वर्किंग की सुविधा ली थी लेकिन महामारी के बाद यह संख्या बढ़कर 20 फीसदी हो गई है.

(इनपुट: एजेंसी)

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