Home Bihar UCC पर NDA में रार: CM की पांच साल पहले की चिट्ठी वायरल, कहा था UCC थोपने के बजाए सहमती की जरूरत

UCC पर NDA में रार: CM की पांच साल पहले की चिट्ठी वायरल, कहा था UCC थोपने के बजाए सहमती की जरूरत

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UCC पर NDA में रार: CM की पांच साल पहले की चिट्ठी वायरल, कहा था UCC थोपने के बजाए सहमती की जरूरत

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पटना35 मिनट पहले

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कॉमन सिविल कोड पर BJP और JDU का स्टैंड साफ-साफ अलग दिख रहा है। लेकिन, यह भी हकीकत है कि वर्ष 2017 में जब जदयू ने जब इस पर सर्वसम्मति की बात उठाई थी तब वह महागठबंधन का हिस्सा थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसको लेकर तब राष्ट्रीय विधि आयोग के अध्यक्ष डॉ. बीएस चौहान को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि समान नागरिक संहिता को थोपने की बजाय इसपर सबकी सहमति जरूरी है। विभिन्न धर्मों के समूह खासकर अल्पसंख्यक समाज के लोगों से विमर्श जरूरी है, क्योंकि संविधान के अनुसार धर्म की स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने तब स्पष्ट कहा था कि समान नागरिक संहिता लोगों के कल्याण के लिए होने वाले सुधारवादी कदम के रूप में देखा जाना चाहिए न कि एक राजनीतिक औजार की तरह इसे जल्दबाजी में थोप दिया जाए।

तब नीतीश कुमार ने साफ कहा था कि कॉमन सिविल कोड लागू करने से पहले लोगों की इच्छा जानना आवश्यक है और जिन नागरिकों के लिए यह कानून आएगा उन्हें भी इसके बारे में साफ-साफ जानना चाहिए। सीएम ने तब कहा था कि लोकतंत्र का आधार रचनात्मक विमर्श है और इसके तहत सभी तरह के धर्म के लोगों के साथ बातचीत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा था कि कॉमन सिविल कोड पर संसद व विधानसभा में चर्चा के साथ-साथ विभिन्न फोरम व सिविल सोसायटी के स्तर पर चर्चा होनी चाहिए।

जब नीतीश कुमार ने ये चिट्ठी लिखी थी तब वो महागठबंधन के साथ थे। अब नीतीश कुमार एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री हैं। यही बात भाजपा के नेता बार-बार कह भी रहे हैं। ऐसे में सवाल यही है कि क्या जब नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति पद का संभावित उम्मीदवार कहकर प्रचारित किया जा रहा है। तब भी जदयू का 5 साल पुराना वाला ही स्टैंड रहेगा या फिर इसमें बदलाव होगा। बिहार के शिक्षा मंत्री और JDU के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी कहते हैं कि यह सिर्फ बिहार की बात नहीं है पूरे देश की बात है। हम समझते हैं कि सारे देश के लोग इस बात की गहराई से समझ रखते हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड को इसे लागू करने से पहले कुछ एहितियाती कदम उठाने होंगे। वहीं बीजेपी नेता और मंत्री जीवेश मिश्रा कहते हैं कि इसमें तकनीकी समस्या कोई नहीं है। इच्छा शक्ति की बात है। 70 साल से धारा 370 को पोस-पाल कर रखा गया था। हम लोग जानते थे थे धारा 370, 35ए खत्म नहीं हो सकता है। लेकिन एक राष्ट्रवादी सरकार जब बहुमत में देश में आती है तो धारा 370 और 35ए को 7 मिनट में हटा कर खत्म कर देती है।

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