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पटना16 मिनट पहले
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चिराग पासवान, नेता, एलजेपी।
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका देने की तैयारी में जुट गई है। अगले साल पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में विधान सभा का चुनाव होना है। बुधवार को उस आशंका को चिराग पासवान से सीरे से खारिज कर दिया है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में वो किसी भाजपा या दूसरी किसी राजनीतिक पार्टी के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरेंगे। दिल्ली में मीटिंग कर चिराग पासवान ने फैसला ले लिया है कि उनकी पार्टी अकेले ही उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में उतरेगी और सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
चिराग के इस फैसले से यह साबित हो रहा है कि वो अब भाजपा को झटका देने वाले हैं। झारखंड विधान सभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी को अकेले मैदान में उतारा था। जिसका झटका वहां की भाजपा सरकार को लगा था। रिजल्ट आने पर वहां सत्ता परिवर्तन हो गया था। इसके बाद 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में भी चिराग अपनी पार्टी के साथ अकेले ही मैदान में उतरे। किसी के साथ गठबंधन नहीं किया। इसका सबसे बड़ा नुकसान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को हुआ। कई सीटों पर इनके उम्मीदवार हार गए। जदयू के सामने भाजपा बड़ी पार्टी बन गई।
अब उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव है। जिस तरह से चिराग ने आज अपनी पार्टी के उत्तर प्रदेश के राज्य अध्यक्ष मणि शंकर पांडेया और दूसरे नेताओं के साथ मीटिंग कर फैसला लिया है, उससे अब यही आशंका जताई जा रही है कि वहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को झटका देने की तैयारी है। हालांकि, लोजपा (रामविलास) के बिहार प्रवक्ता चंदन सिंह ने भाजपा को झटका देने की बात से इनकार किया है। इनके अनुसार ऐसी कोई बात नहीं है।
उत्तर प्रदेश में एक वक्त था जब लोजपा के 18 विधायक हुआ करते थे। मगर, अब एक भी नहीं हैं। जबकि, दलित वोटर्स का समीकरण वहां काफी मजबूत है। ऐसे में चिराग अपनी पार्टी को वहां मजबूत करने में जुटे हैं। वो लगातार यूपी का दौरा कर रहे हैं। पार्टी के यूपी के नेता और कार्यकर्ताओं की भी इच्छा है कि हम अकेले ही चुनाव लड़ें। जिस पर अब चिराग पासवान ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है।
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