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Vande Bharat Trains in Budget 2023: रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी है. अगले बजट यानी बजट 2023-24 में सरकार 300-400 वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) का ऐलान कर सकती है. नई वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा अगले 475 सेमी हाई-स्पीड ट्रेनों को चालू करने की पहले से घोषित योजना के अलावा होगी. सूत्रों के अनुसार, सरकार का लक्ष्य बढ़ती मांग को पूरा करने और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए सालाना 300-400 ऐसी ट्रेनों को मंजूरी देने का है. साथ ही सरकार यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
टिल्टिंग तकनीक वाली ट्रेनों का पहला सेट
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारत को 2025-26 तक टिल्टिंग तकनीक वाली ट्रेनों का पहला सेट मिल जाएगा, यानी यात्रियों को अब ज्यादा सुविधा मिलेगी. आपको बता दें कि पहले से ही स्वीकृत 475 में से लगभग 100 वंदे भारत ट्रेनों में इस तकनीक का यूज होगा, जिससे ट्रेनों को उच्च गति पर मोड़ने में मदद मिलेगी. इससे रेल यात्रा और आसान हो जाएगा.
स्लीपर कोच वाली पहली वंदे भारत
यात्रियों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी यह है कि अब वंदे भारत में भी स्लीपर कोच होगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि स्लीपर कोच वाली पहली वंदे भारत ट्रेन कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली तिमाही में शुरू की जाएगी. फिलहाल ये सभी ट्रेनें ब्रॉड गेज नेटवर्क के लिए हैं. रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘हम ऐसी ट्रेनों का निर्माण करेंगे जो स्टैंडर्ड गेज नेटवर्क पर चल सकती हैं. आवश्यक परीक्षण करने के लिए राजस्थान में 220 किमी प्रति घंटे की गति के साथ एक परीक्षण ट्रैक विकसित किया जा रहा है.’
कब आएगी पहली बुलेट ट्रेन?
हाल ही में वैष्णव ने कहा था कि देश की पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train) 2026 तक शुरू हो जाएगी. अभी देश में पांच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। इसका आगाज 2019 में नई दिल्ली और वाराणसी के बीच शुरू हुई वंदे भारत से हुआ था. इन ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रति घंटे है, लेकिन फिलहाल इसे 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा रहा है. पहली बुलेट ट्रेन परियोजना गांधीनगर और मुंबई के बीच बनाई जा रही है, जिसकी रफ्तार 320 किमी प्रति घंटे होगी.
बजट में 400 ट्रेनों को मंजूरी
पिछले बजट में 400 ट्रेन को मंजूरी दी गई थी और इससे पहले 75 को ट्रेन स्वीकृति दी जा चुकी थी. रेल मंत्री ने कहा, ‘हम आने वाले तीन वर्ष में लक्ष्य हासिल कर लेंगे. कई देशों ने इस ट्रेन में दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें और सुधार चाहते हैं.’
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