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पटनाएक घंटा पहले
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मालिक मनीष के कंधे पर मुन्नी बंदरिया।
यह 20 दिन की नन्हीं बंदरियां कहीं से मनीष कुमार के पास आ गई और उसके बाद से इन्हीं के पास है। एक प्राइवेट कंपनी में कस्टमर एडवाइज मनीष कहते हैं कि वह इनको छोड़कर कहीं नहीं जाती। वे इसे जंजीर या रस्सी से बांध कर भी नहीं रखते। इसका नाम उन्होंने मुन्नी रखा है। मनीष अपनी मुन्नी को सुबह-शाम डाइपर भी पहनाते हैं।
सबसे खास अंदाज तो यह है कि मनीष जब घर से बाहर निकलते हैं तो मुन्नी रोने लगती है। रोती है तो बच्ची की तरह रोती है। भूख लगती है तब भी उसी तरह से रोती है। इसलिए आस-पास कहीं जाते हैं तो मुन्नी भी साथ जाती है। हमेशा इनके बदन से चिपकी रहती है। इसे खिलाते क्या हैं? इस सवाल पर मनीष बताते हैं कि इसे सेरेलेक्स खिलाते हैं स्टेज वन वाला। कभी-कभी बाजार में जूस भी पिलाते हैं। इस दौरान मुन्नी को देखने के लिए भीड़ लग जाती है।
गर्दन पर लटकती बंदरिया।
हर दिन कराते हैं ब्रश
मनीष मुन्नी को टूथपेस्ट से हर दिन ब्रश भी कराते हैं। मुन्नी की हर पसंद का ख्याल रखते हैं। मुन्नी, बहुत समझदार भी है। वह मनीष के आसपास खड़े किसी व्यक्ति पर हमला भी नहीं करती। नाराज भी नहीं होती है। मनीष के शरीर को पेड़ समझ मुन्नी उन पर कूदती-फांदती रहती है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि मुन्नी बंदरिया कभी सिर पर चढ़ जा रही है तो कभी कंधे पर लटक रही है। रास्ते से गुजरने वाले हर शख्स की नजर मुन्नी बंदरिया पर पड़ते ही वो रुक कर एक बार उसे जरूर देखना चाहते हैं।
अब कनबाली पहनेगी मुन्नी
मनीष कहते हैं कि मुन्नी बहुत सोबर नेचर की है। प्यारी बच्ची की तरह। मुन्नी को सोने की कनबाली भी पहनाएंगे। कहते हैं कि ये भी इंसान की तरह है। बस इसे समझने की समझदारी आपके पास होनी चाहिए।
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