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Dunia Ke Ajeeb Tax: नरेंद्र मोदी सरकार 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेगी. उम्मीद लगाई जा रही है कि 9 साल बाद करदाताओं को सरकार राहत देगी. खैर क्या सस्ता होगा और क्या महंगा होगा और राहत मिलेगी या नहीं इस बारे में तो 1 फरवरी को खुलासा हो ही जाएगा. लेकिन आज हम आपको ऐसे टैक्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आप सिर पीट लेंगे.
क्या आप जानते हैं कि किसी जमाने में औरतों के स्तन ढकने पर भी टैक्स लगता था, वो भी भारत में. इसके अलावा दाढ़ी रखने पर भी लोगों को टैक्स चुकाना पड़ता था. जानकारी के मुताबिक, अब न्यूजीलैंड में गायों की डकार पर टैक्स लगाया जा सकता है. अब जानिए दुनिया के अजीबोगरीब टैक्स के बारे में…
खिड़कियों पर टैक्स
आपको जानकर हैरानी होगी कि इंग्लैंड और वेल्स के किंग विलियम्स तृतीय ने साल 1696 में खिड़कियों पर टैक्स लगा दिया था. दरअसल राजा के खजाने में फूटी कौड़ी नहीं थी तो उसको सुधारने के लिए उसने यह उपाय अपनाया था. दरअसल खिड़कियों पर टैक्स भी उसकी संख्या के हिसाब से देना पड़ता था. जिन लोगों के घरों में 10 से ज्यादा खिड़कियां होती थीं, वे 10 शिलिंग तक टैक्स भरते थे. 1851 में इस टैक्स को खत्म किया गया था.
दाढ़ी रखने पर टैक्स
इंग्लैंड का ही एक और राजा था हेनरी VIII. उसने साल 1535 में दाढ़ी रखने पर ही टैक्स लगा दिया था. व्यक्ति की हैरिसत के मुताबिक उससे टैक्स वसूला जाता था. हेनरी के गुजरने के बाद उनकी बेटी एलिजाबेथ I ने आदेश जारी किया था कि दो हफ्ते से ज्यादा की दाढ़ी पर देना पड़ेगा. रूस के राजा पीटर द ग्रेट ने भी 1698 में दाढ़ी रखने पर टैक्स वसूला था.
सेक्स पर टैक्स
साल 1971 में अमेरिका के रोड आइलैंड की वित्तीय स्थिति बेहद खराब थी. ऐसे में डेमोक्रेटिक स्टेट लेजिस्टेटर ने शारीरिक संबंध बनाने पर दो डॉलर का टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा था. लेकिन यह कभी लागू नहीं हुआ. दूसरी ओर जर्मनी में वेश्यावृत्ति कानूनी है. वहां 2004 में एक कानून के तहत प्रॉस्टिट्यूट्स को 150 यूरो बतौर टैक्स देने पड़ते थे.
स्तन ढकने पर टैक्स
निचली जातियों की महिलाओं के स्तन ढकने पर केरल में त्रावणकोर के राजा ने यह टैक्स लगाया था. इनमें नाडर, एजवा, थिया व दलित महिलाएं आती थीं. अगर ये महिलाएं स्तन ढकती थीं तो इनको काफी ज्यादा टैक्स देना पड़ता था. जब नांगेली नाम की महिला ने टैक्स देने से मना कर दिया. विरोध में अपने स्तन तक काट डाले. बाद में उसकी मौत हो गई और राजा टैक्स खत्म करने के लिए मजबूर हो गया.
गायों की डकार पर टैक्स
अगर न्यूजीलैंड में मवेशी डकार लेते हैं तो टैक्स किसानों को चुकाना होगा. दरअसल ग्रीन हाउस गैसों की समस्या की रोकथाम के लिए सरकार ने यह एक्शन लिया है. पशुओं की डकार का न्यूजीलैंड की ग्रीन हाउस गैसों की समस्या में बड़ा रोल है. रिसर्च में कहा गया है कि उनकी डकार से ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं.
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