Home Bihar अररिया की अदालत का फैसला: चार दिनों के स्पीडी ट्रायल में 6 साल की मासूम से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा

अररिया की अदालत का फैसला: चार दिनों के स्पीडी ट्रायल में 6 साल की मासूम से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा

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अररिया की अदालत का फैसला: चार दिनों के स्पीडी ट्रायल में 6 साल की मासूम से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा

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अररिया31 मिनट पहले

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मोहम्मद मेजर। - Dainik Bhaskar

मोहम्मद मेजर।

अररिया के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम शशिकांत राय की कोर्ट ने फिर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। महज चार दिन के स्पीडी ट्रायल में छह साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी वीरनगर पश्चिम भरगामा थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद मेजर (48) को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने धारा 3(2)(वी)) एससी/एसटी अधिनियम के तहत आजीवन सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

जुर्माना नहीं देने पर 10 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा मुकर्रर की है। कोर्ट ने पीड़िता को विक्टिम कम्पनशेसन फंड से डीएलएसए सचिव को 10 लाख रुपए दिए जाने का भी आदेश दिया है। मामले में पुलिस ने 12 जनवरी 2022 को आरोप पत्र कोर्ट में दिया। इस पर कोर्ट ने 20 जनवरी 2022 को संज्ञान लेते हुए 24 जनवरी को दोषी के विरुद्ध आरोप तय किया।घटना की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने घटना के 56 दिन में फैसला सुना दिया।

मामले में 2 दिसंंबर 2021 को पीड़िता की मां ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि एक दिसंबर 2021 को बच्ची घर के पास खेल रही थी, वह खाना बना रही थी। इसी बीच उसकी पुत्री गायब हो गई। रात के 10 बजे उसकी बेटी भागते हुए आई और घटना के विषय में बताया। बच्ची ने बताया कि मेजर ने मैदान जाने के लिए पानी व डिब्बा मांगा, जब दोनों चीजें दी गई तो उसने पानी व डिब्बा फेंक दिया और उसे घसीटते हुए खेत लेकर चला गया।

पीड़िता काे 10 लाख रु. मुआवजा देने का आदेश
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद नौसाद ने न्यायालय से कम से कम सजा सुनाई जाने की गुजारिश की, जबकि विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो अधिनियम श्याम लाल यादव ने जानबूझकर कर जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा सुनाए जाने की मांग की। गवाह और साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने घटना को निकृष्टतम से भी निकृष्ट अपराध मानते हुए फांसी की सजा सुनाई।

इससे पहले दो मामलों में एक ही दिन में सुनाई थी सजा
इससे पहले जज शशिकांत राय की अदालत ने पॉक्सो एक्ट के दो अन्य मामले में एक ही दिन में सुनवाई के बाद आजीवन कारावास का फैसला सुनाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। अररिया न्यायालय ने दो मामलों में एक दिन में सजा सुना इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है।

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