Home Bihar आईआरसीटीसी घोटाला: तेजस्वी की जमानत कायम… कोर्ट की हिदायत- बोलने में संयम बरतें

आईआरसीटीसी घोटाला: तेजस्वी की जमानत कायम… कोर्ट की हिदायत- बोलने में संयम बरतें

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आईआरसीटीसी घोटाला: तेजस्वी की जमानत कायम… कोर्ट की हिदायत- बोलने में संयम बरतें

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पटना6 मिनट पहले

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उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव - Dainik Bhaskar

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव

सीबीआई के स्पेशल कोर्ट (दिल्ली) ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत कायम रखी; सीबीआई के जमानत रद्द करने के आग्रह को नहीं माना। कोर्ट ने तेजस्वी को सोच-समझकर बोलने की हिदायत दी। कोर्ट ने तेजस्वी से कहा-’आप जिम्मेदार पद पर हैं। ऐसा कुछ न बोलें, जिससे गवाह दबाव में आएं या प्रभावित हों।’

मौका, आईआरसीटीसी होटल टेंडर घोटाला मामले में मंगलवार को तेजस्वी की जमानत पर हुई सुनवाई का था। वे इस मामले के आरोपी हैं। जमानत पर हैं। सीबीआई ने उन पर अधिकारियों को धमकाने व गवाहों को प्रभावित करने का आरोप लगा उनकी जमानत रद्द करने का आग्रह किया था।

तेजस्वी के वकील ने सीबीआई के इन आरोपों व दलीलों को खारिज किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने तेजस्वी की जमानत रद्द करने से इंकार कर दिया। स्पेशल जज ने तेजस्वी को जिम्मेदार होने और सार्वजनिक रूप से बोलते समय उचित शब्दों का चयन करने की सलाह दी। स्पे

शल जज ने तेजस्वी के लिए कहा-’आप जैसे जिम्मेदार पद वाले को गलत शब्दों का इस्तेमाल करना सही नहीं है। सार्वजनिक रूप से उचित शब्दों का प्रयोग करें। क्योंकि आपके शब्द जनता की एक बड़ी संख्या को प्रभावित करते हैं।

कोर्ट लाइव कोर्ट ने कहा-शब्दों के निहितार्थ को समझना चाहिए

सीबीआई की दलील

तेजस्वी ने हमारे अफसरों को धमकाया, जांच प्रभावित हुई

सीबीआई के अधिवक्ता डीपी सिंह ने कोर्ट से कहा-’तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सीबीआई अफसरों को धमकाया था। इससे मामला प्रभावित हुआ। आईआरसीटीसी मामले से संबंधित सीबीआई अफसर में से एक की हाल में ट्रक से दुर्घटना हुई थी। हम इन घटनाओं को खतरे से नहीं जोड़ रहे हैं, क्योंकि हमारे पास कोई सबूत नहीं है। लेकिन अफसर अब तेजस्वी से डरते हैं। उनकी बातें, उसके अफसरों के लिए स्पष्ट खतरा है।

तेजस्वी के वकील बोले

तेजस्वी द्वारा धमकी देने की बात बिल्कुल गलत

तेजस्वी के अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सीबीआई की दलील व आरोपों को खारिज करते हुए कहा-’मेरे मुवक्किल (तेजस्वी) की प्रेस कांफ्रेंस दूसरे संदर्भ में थी। उन्होंने इसमें कई चीजों, घोटालों और अन्य राजनीतिक मुद्दों के बारे में बात की। उन्होंने नौकरी के बदले जमीन मामले के बारे में बात की। छापेमारी की बात की। अगर कोर्ट को लगता है कि उन्होंने सीबीआई अफसरों को धमकी दी है, तो आईपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज करें।’

कोर्ट ने चेताया गवाह को प्रभावित करने वाले शब्द न बोलें

आपको अपने शब्दों के निहितार्थ को समझना होगा। ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। आपको शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए। और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हों।’

ये है मामला

सीबीआई ने 2017 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया। यह मामला एक निजी फर्म को आईआरसीटीसी के दो होटलों के संचालन का ठेका देने में अनियमितताओं से संबंधित है। लालू प्रसाद 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री रहे। यह काम इसी दौरान हुआ। कोर्ट ने सीबीआई की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए तेजस्वी व अन्य को जमानत दी थी।

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