Home Bihar उपेंद्र कुशवाहा का क्या होगा…जानिए एक्सपर्ट से: JDU बनाने वालों में हैं, इसलिए सीधा बाहर करना मुश्किल, अंदर रहकर रोज दिखाएंगे आइना

उपेंद्र कुशवाहा का क्या होगा…जानिए एक्सपर्ट से: JDU बनाने वालों में हैं, इसलिए सीधा बाहर करना मुश्किल, अंदर रहकर रोज दिखाएंगे आइना

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उपेंद्र कुशवाहा का क्या होगा…जानिए एक्सपर्ट से: JDU बनाने वालों में हैं, इसलिए सीधा बाहर करना मुश्किल, अंदर रहकर रोज दिखाएंगे आइना

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पटना27 मिनट पहलेलेखक: बृजम पांडेय

बागी तेवर अपना चुके जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के बारे में कई कयास लगाए जाने लगे हैं। कहा जा रहा है कि जदयू में उनकी मियाद पूरी हो गई है। अब सवाल है कि उपेंद्र कुशवाहा खुद इस्तीफा देंगे या फिर पार्टी उनको निकालेगी? दोनों परिस्थितियों में उपेंद्र कुशवाहा के साथ क्या कुछ होगा, दैनिक भास्कर आज आपको एक्सपर्ट के हवाले से यह बात बताएगा।

उपेंद्र कुशवाहा यदि खुद इस्तीफा देते हैं तो उनकी सदस्यता बिहार विधान परिषद में रह जाएगी या इस्तीफा देना पड़ेगा? यदि पार्टी उनको बाहर का रास्ता दिखाती है तो फिर वह माननीय रह जाएंगे या फिर उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी? ऐसे कई सवाल लोगों के जेहन में है।

शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैं किसी के कहने से पार्टी नहीं छोड़ूंगा।

शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैं किसी के कहने से पार्टी नहीं छोड़ूंगा।

तीसरे रास्ते पर कुशवाहा

सवाल है कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी से निकाले जाएंगे या खुद इस्तीफा देंगे। लेकिन, कुशवाहा ने तीसरा रास्ता अख्तियार किया हुआ है। जानकार बता रहे हैं कि वह जदयू में रहकर वहां की कमजोरियों को उजागर करते रहेंगे। तब तक करेंगे जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनसे बातचीत नहीं कर लेते।

उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को यह जरूर कहा है कि जब से उन्होंने पार्टी ज्वाइन की है, तब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार भी फोन करके उनसे बातचीत नहीं की। जब जरूरत पड़ी तो उपेंद्र कुशवाहा ने ही उनको फोन किया। ऐसे में वो जदयू को मजबूत करने को लेकर संघर्ष करने की बात कह रहे हैं।

शोकॉज नोटिस भेज सकती है पार्टी

जदयू में उपेंद्र कुशवाहा की बगावत जब सतह पर आ गई तो यह परिस्थिति बन रही है कि पार्टी उनसे शो कॉज कर सकती है। वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय बताते हैं कि उपेन्द्र कुशवाहा को शॉकॉज तब किया जा सकता है, जब वह पार्टी लाइन के खिलाफ बात करेंगे। वैसे भी उपेंद्र कुशवाहा जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक सदस्य रहे हैं।

उन तमाम नेताओं से उनका जदयू पर ज्यादा अधिकार है, जो अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द हैं। ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा बार-बार यह कह रहे हैं कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे, तो उसके पीछे का तर्क यह है कि वह भी जदयू के संस्थापक सदस्य हैं। इस हालात में जदयू पर नीतीश कुमार के बराबर का हक रखते हैं।

उपेन्द्र कुशवाहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 35 साल से ज्यादा पुराना संबंध है।

उपेन्द्र कुशवाहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 35 साल से ज्यादा पुराना संबंध है।

जदयू को नंबर एक करने की ली थी शपथ

इसके बावजूद जब स्थिति यह बन सकती है कि उपेंद्र कुशवाहा को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए तो, ऐसे में वो तर्क दे सकते हैं कि उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा है। उन्होंने पार्टी को मजबूत करने की बात कही है। पार्टी जहां कमजोर हुई है, उसकी बात रखी है।

जब उन्होंने 2021 में पार्टी की सदस्यता ली थी, तभी कहा था उनका लक्ष्य जदयू को नंबर एक बनाने का है। इन तमाम सवाल-जवाब के बाद उपेंद्र कुशवाहा को जदयू से बाहर का रास्ता दिखाना टेढ़ी खीर साबित होगा।

वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय बताते हैं कि यदि पार्टी ने उपेंद्र कुशवाहा को निकालने का बड़ा डिसीजन भी ले लिया तो ऐसे में जदयू खंडित हो सकता है। इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा की बिहार विधान परिषद की सदस्यता बरकरार रह जाएगी। क्योंकि उपेंद्र कुशवाहा पर पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप नहीं लगा रहेगा।

इसके बावजूद अगर वह ह्वीप का उल्लंघन करेंगे, तब उनकी सदस्यता जाएगी। नहीं तो, पार्टी से हटाए जाने के बाद बिहार विधान परिषद के वह सदस्य रह सकते हैं।

इस्तीफा नहीं देंगे, निकाले नहीं गए तो सब ऐसे ही चलता रहेगा

रवि उपाध्याय बताते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा के अभी तक के तेवर को देखते हुए यह साफ है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। इस्तीफा देने के बाद नियम के मुताबिक जैसे ही उनकी सदस्यता जदयू से हटेगी तो उन्हें बिहार विधान परिषद से भी इस्तीफा देना पड़ेगा। क्योंकि वह जदयू कोटे से बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।

हालांकि उपेंद्र कुशवाहा जदयू में रहकर जदयू को मजबूत करने की बात कह रहे हैं। ऐसे में जदयू के पास उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बहुत ज्यादा विकल्प नहीं है। ना ही जदयू उन्हें निकाल सकती है और ना ही जदयू उन्हें अपने अंदरूनी बैठकों में शामिल करेगी। उन पर किसी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप भी नहीं लगाया जा सकता। इसलिए ज्यादा संभावना है कि यह सब यूं ही चलता रहेगा।

उपेंद्र कुशवाहा से जुड़े विवाद पर यह खबरें भी पढ़िए…

उपेंद्र कुशवाहा बोले- अपने और पराये को पहचानिए मुख्यमंत्री जी:जो जैसे चाहे उन्हें हैंडल कर रहा है; किसी के कहने से पार्टी नहीं छोड़ूंगा

उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी को अपने पराये की समझ नहीं है। जो जैसे चाहे वैसे उन्हें हैंडल कर रहा है। 2020 में विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा था कि मुख्यमंत्री का एक बेटा है वो उनका है भी या नहीं। ये उनको आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं। पढ़िए कैसे कुशवाहा ने भी नीतीश कुमार के एक-एक सवाल का खुलकर जवाब दिया… यहां क्लिक करें…

उपेंद्र पर बोले नीतीश-रहें तो अच्छा…जाएं तो उनकी इच्छा:हिस्सा लेकर जाएंगे वाले बयान पर कहा- कोई परेशानी है तो मुझसे बात करें

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें पार्टी में लाया, सम्मान जनक पद दिया। सम्मान दिया इसके बाद भी वह केवल बाहर में बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि वो पार्टी में रहें तो बहुत अच्छा…जाएं तो उनकी इच्छा।

अगर उन्हें कोई परेशानी है तो आए मुझसे बात करें, बैठें उनकी समस्या का समाधान होगा। मीडिया में बयान देने से कुछ नहीं होता है। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए

महागठबंधन में जाने से पहले RJD से डील हुई थी:उपेंद्र कुशवाहा बोले- नीतीश को कमजोर किया जा रहा, बुलाएं तो सबकुछ बता दूंगा

JDU में खींचतान बढ़ गई है। पार्टी में अब दो खेमा बन गया है। एक तरफ राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तो दूसरी तरफ संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि महागठबंधन में जाने से पहले जदयू के कुछ नेताओं ने राजद के साथ डील की थी।

नीतीश कुमार को लगातार कमजोर किया जा रहा है। मुझे नीतीश जी बुलाएं। मैं सब कुछ साफ कर दूंगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष बुलाएं, उनके सामने सब कुछ रख दूंगा। वो बताएं कि कौन सी डील हुई है? क्यों राजद के लोग कह रहे हैं कि उनके नेता को शपथ दिलाई जाए? मुख्यमंत्री अभी चेत जाएं नहीं तो मुश्किल होगी। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए

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