प्रेमी शेरोन राज को ज़हर देकर मारने की दोषी केरल की ग्रीष्मा को फांसी की सजा
केरल के तिरुवनंतपुरम की अतिरिक्त सत्र अदालत ने ग्रीष्मा साबू को अपने प्रेमी शेरोन राज की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है। यह मामला अक्टूबर 2022 का है, जब ग्रीष्मा ने शेरोन को जहर देकर उसकी हत्या कर दी थी। अदालत ने इसे “रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस” मानते हुए सख्त सजा का आदेश दिया।
मामले की मुख्य जानकारी
- हत्या की घटना:
- ग्रीष्मा ने शेरोन को एक हर्बल ड्रिंक (आयुर्वेदिक काढ़ा) में कीटनाशक मिलाकर जहर दिया।
- यह घटना केरल के परस्साला इलाके में ग्रीष्मा के घर पर हुई।
- हत्या का मकसद:
- ग्रीष्मा शेरोन के साथ रिश्ते में थी, लेकिन उसका परिवार उसकी शादी किसी और व्यक्ति से तय कर चुका था।
- शेरोन द्वारा उनके रिश्ते को उजागर करने के डर से ग्रीष्मा ने उसकी हत्या की योजना बनाई।
- घातक पेय:
- 14 अक्टूबर 2022 को, शेरोन ने ग्रीष्मा द्वारा दिया गया वह हर्बल ड्रिंक पिया, जिसमें कीटनाशक मिलाया गया था।
- इसके बाद शेरोन गंभीर रूप से बीमार हो गया और 25 अक्टूबर को अस्पताल में मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर के कारण उसकी मौत हो गई।
जांच और गिरफ्तारी
- ग्रीष्मा ने शुरुआत में खुद को निर्दोष बताया, लेकिन सख्त पूछताछ के दौरान उसने अपराध कबूल कर लिया।
- पुलिस ने कीटनाशक की बोतल, मोबाइल संदेश, और सीसीटीवी फुटेज जैसे सबूतों के आधार पर केस को मजबूत बनाया।
- जांच में पता चला कि ग्रीष्मा ने हत्या की पूरी योजना बहुत सोच-समझकर बनाई थी, जिससे इसे पूर्व-नियोजित हत्या का मामला घोषित किया गया।
अदालत का फैसला
- मौत की सजा:
- अदालत ने इसे “रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस” मानते हुए ग्रीष्मा को फांसी की सजा सुनाई।
- जज ने कहा कि यह अपराध न केवल घिनौना है, बल्कि विश्वासघात का चरम उदाहरण है।
- सह-अभियुक्तों को भी सजा:
- ग्रीष्मा के परिवार पर हत्या को छिपाने का आरोप था। उन्हें भी अलग-अलग सजा सुनाई गई।
जनता और परिवार की प्रतिक्रिया
- शेरोन के परिवार का बयान:
शेरोन के परिवार ने अदालत के फैसले का स्वागत किया और इसे न्याय की जीत बताया। - जनता में आक्रोश:
केरल में इस घटना को लेकर जनता के बीच भारी आक्रोश था। लोगों ने ग्रीष्मा के लिए कड़ी सजा की मांग की थी। - कानूनी मिसाल:
यह फैसला भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक सख्त संदेश के रूप में काम करेगा।
अगले कदम
- ग्रीष्मा के पास केरल हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील करने का विकल्प है।
- यदि उच्च अदालतें भी मौत की सजा बरकरार रखती हैं, तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद फांसी की प्रक्रिया शुरू होगी।
यह दर्दनाक मामला विश्वासघात और रिश्तों में ईमानदारी के महत्व को रेखांकित करता है। ग्रीष्मा की क्रूर योजना और इसके परिणामस्वरूप हुई मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।