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गया21 मिनट पहले
गया। कोटा के एक निजी नामी इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले डेल्हा थाना क्षेत्र के महावीर नगर के रहने वाले उज्जवल की मौत से उसके घर और मुहल्ले के लोग गहरे सदमे में हैं। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा है कि एक जिंदा दिल नाबालिग लड़का उज्जवल कुमार सुसाइड भी कर सकता है। घरवालों का कहना है कि उसे पढ़ाई के अलावा कुछ भी लेना देना नहीं रहता था। यहां तक की मुहल्ले की महिलाओं का कहना है कि वह जल्दी से नजर तक नहीं उठाता था। यदि कोई उससे समाचार पूछता भी था। वह हंसते हुए जवाब देता था। वह घर का इकलौता चिराग था। घरवालों का कहना है कि उसकी मौत के पीछे संदेह है। इसकी गहराई और इमानदारी से जांच होनी चाहिए।
उज्जवल के मामा संजीव पांडेय ने बताया कि 8 और 9 दिसंबर को दिल्ली में वह हमारे साथ ही था। हम अपनी बेटी के लिए लड़का देखने गए थे। वह भी वहां आया था। सब कुछ ठीक था। 9 दिसंबर को उसे दिल्ली स्टेशन से ट्रेन पकड़ाया और वह कोटा के लिए चला गया। इसके बाद 11 दिसंबर को उसकी मौसेरी बहन का बर्थड थे। रात में करीब 10 बजे वह बर्थ डे सेलिब्रेशन में वीडियो कालिंग के जरिए शरीक हुआ था। रात में सब कुछ ठीक था। लेकिन 12 दिसंबर को दोपहर दो बजे कोटा से फोन आता है कि उज्जवल ने फांसी लगा ली है और उसकी मौत हो चुकी है। उज्जवल की बहन खुशी भी उसी इंस्टीट्यूट में पढ़ती है। वह अलग हॉस्टल में रहती है। वह नीट की तैयारी करती है। जबकि उज्जवल आईआईटी की तैयारी कर रहा था।
उज्जवल के चचेरे भाई बॉबी ने बताया कि बीते साल ही उसने डीएवी से 12 वीं पास किया था। पढ़ने में अच्छा स्टूडेंट था। वह हमारे साथ दोस्त के माफिक रहता था। सब कुछ शेयर करता था। कभी कोई ऐसी बात सामने नहीं आई कि जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि उसने इस वजह से फांसी लगाई होगी। उसकी मौत के पीछे कोई न कोई रहस्य छिपा है। बॉबी ने बताया कि उज्जवल के पिता प्रमेंद्र शर्मा (ठेकेदार) कोटा के लिए निकल चुके हैं। फ्लाइट की टिकट नहीं मिली तो वह ट्रेन से कानपुर के लिए निकले हैं। वहां से दूसरी ट्रेन पकड़ कर मंगलवार दोपहर तीन बजे तक कोटा पहुचेंगे।
बॉबी ने बताया कि उज्जवल की बहन खुशी ने हमलोगों को बताया है कि जिस हॉस्टल के जिस कमरे में वह रहता था। उसी कमरे के बगल वाले कमरे में रोहतास का एक लड़का रहता था। उसकी बॉडी लेने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीम हॉस्टल में गई थी। इस बात की सूचना मिली तो खुशी भी मौके पर पहुंच गई। रोहतस के लड़के की बॉडी लेकर पुलिस बाहर निकल रही थी। इस बीच खुशी ने उज्जवल के कमरे को खटखटाया को उधर कोई जबाव नहीं मिला। इस पर पुलिस ने खुशी से पूछा कि दरवाजा तोड़ दें तो खुशी ने कहा तोड़ दीजिए। जैसे ही पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो खुशी ने देखा कि उज्जवल सिलिंग फैन लटका पड़ा है और उसकी मौत हो चुकी है।
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