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- Pre recorded Message Sent In Gaya; Said If You Help The Lame, You Will Enter The House And Kill Him
गयाएक घंटा पहले
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3 महीने पहले गया के बुनियादगंज थाना क्षेत्र में होम्योपैथ के डॉक्टर को उसी के क्लिनिक में घुस कर गोली मारने वाले अपराधियों ने एक बार फिर से गोली मारने की धमकी दी। धमकी रिकॉर्डेड मैसेज भेज कर दी गई है। अपराधियों ने डॉक्टर के फोन पर मगही भाषा में रिकॉर्डेड मैसेज भेजा है। भेजे गए मैसेज में जान से मार देने की धमकी के साथ ही गालियां भी जमकर दी गई हैं। अपराधियों की इस नए पैंतरे से डॉ. अरुण कुमार और उनका परिवार दहशत में है। डॉ. अरुण ने कहा कि अपराधियों ने हमे क्यों गोली मारी थी यह हमें नहीं पता। हमारी दुश्मनी किसी से नहीं है। अब एक बार फिर धमकी दे रहे हैं इसके पीछे का मकसद क्या है पता नहीं।
दहशत में आने की भी खास वजह यह है कि 3 महीने पूर्व जब डॉक्टर को गोली मारी गई थी तब उसने अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन उसमें से एक भी अपराधी अब तक नहीं पकड़ा गया है। प्री रिकॉर्डेड मैसेज के जरिए धमकी दिए जाने के मामले में डॉ. अरुण ने बुनियादगंज थाना में लिखित शिकायत की है। इधर, बुनियादगंज थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि डॉ. अरुण ने लिखित शिकायत की है। मामले की जांच की जा रही है।
रिकॉर्डेड ऑडियो व फॉरवर्डेड मैसेज के जरिए दी धमकी
डॉ. अरुण को भेजे गए मैसेज दो तरह के हैं। एक रिकॉर्डेड ऑडियो है, दूसरा फॉरवर्डेड मैसेज है। दोनों तरह के मैसेज डॉक्टर के वाट्सएप पर अपराधियों ने भेजे हैं। दोनों तरह के मैसेज में हिंदी का प्रयोग नहीं है। अपराधी मगही में ही गोली से मार देने की धमकी दे रहा है। साथ ही डॉक्टर को यह भी कह रहा है कि तू लंगड़ा का साथ दे रहा है उसे वह जहां भी दिख गया वहीं उड़ा देंगे। लंगड़ा अपने सगे भाई की हत्या का आरोपित है और डॉक्टर अरुण का दोस्त है। अपराधियों ने डॉक्टर को यह कहकर धमकाया कि एक बार गोली मारे तो बच गए, लेकिन अब की तू नहीं बचेगा। घर में घुस कर मार देंगे। जिंदगी बर्बाद कर देंगे। डॉ. अरुण मानपुर शांति समिति के अध्यक्ष भी हैं।
गौरतलब है कि बीती 24 मार्च को अपराधियों ने डॉ. अरुण की क्लिनिक में सरेशाम घुस कर गोली मारी थी। गोली मारने के बाद अपराधी बड़े ही इतमीनान से भाग गए थे। घटना के अगले क्षण ही पूरा मानपुर बाजार बंद हो गया था। गोली से घायल पड़े अरुण को किसी तरह से हॉस्पिटल ले जाया गया था और वहां से पटना के लिए रेफर कर दिया गया था। फिलहाल अरुण बहुत हद तक अब स्वस्थ भी हैं, लेकिन अपराधियों के डर से उन्होंने अपना क्लिनिक पूरी तरह से बंद कर रखा है। बीती 24 मार्च के बाद अब तक क्लिनिक नहीं खोला है।
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