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धर्म-कर्म: विषहरी पूजा शुरू, देर रात निकली लखेंद्र की बारात

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धर्म-कर्म: विषहरी पूजा शुरू, देर रात निकली लखेंद्र की बारात

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बांका7 मिनट पहले

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मां मनसा विषहरी की पूजा करते पुजारी। - Dainik Bhaskar

मां मनसा विषहरी की पूजा करते पुजारी।

  • विजयनगर, करहरिया एवं बाबू टाेला मंदिर में प्रतिष्ठापित की गई प्रतिमा, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

जिलेभर में बुधवार से दो दिवसीय बिहुला विषहरी पूजा धूमधाम से की जा रही है। इस अवसर पर भक्तों द्वारा माता विषहरी की प्रतिमा बनाई गई है। श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा स्थल पर मां विषहरी को फल, फूल, मेवा, दूध लावा चढ़ाकर पूजा अर्चना किए जा रहे हैं। सभी जगहाें पर शांतिपूर्ण माहाैल में पूजा-अर्चना की जा रही है। शहर के विजयनगर मंदिर, जगतपुर मंदिर, करहरिया रजक टोला, करहरिया हरिजन टोला मंदिर एवं बाबू टाेला मंदिर में मां विषहरी की पूजा कर भक्तों ने मां से सुख समृद्धि की कामना की। इसके अलावा अन्य मंदिरों में देर शाम तक पुजारी के द्वारा पूजा की गई। वहीं बुधवार काे मां मनसा काे डालिया चढ़ाने के लिए महिला श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। इस दाैरान महिलाओं के द्वारा मां मनसा की मंगल गीत गायी बाला लखेंद्र की बारात देखने के लिए इलाके की महिलाएं व पुरुष मंदिर में डटे रहे। देर रात मंदिराें में बिहुला विषहरी की शादी कराई गई। वहीं बुधवार काे पूजा का समापन किया जाएगा।

विषहरी पूजा में डालिया चढ़ाने का विशेष महत्व
विषहरी पूजा में डालिया चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती थी। इसकाे लेकर सभी मंदिर में विशेष व्यवस्था की गई थी। विषहरी पूजा में डालिया चढ़ाने का विशेष महत्व है। डालिया में श्रद्धालुओं के द्वारा पान, सुपारी, चावल, पंचमेवा, पांच तरह के फल सहित अन्य चीज डालिया में चढ़ाया गया। भोलेनाथ की मानस कन्या देवी विषहरी को मनसा देवी कहा जाता है। विजयनगर मंदिर के पुजारी ने कहा कि मनसा देवी की पूजा से भक्तों के विविध ताप से मुक्ति एवं मन वांछित फल की प्राप्ति होती है।

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