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पटना39 मिनट पहले
पटना के गांधी मैदान में रावण दहन से पहले रावण का पुतला धड़ाम हो गया। तेज हवा की वजह से रावण गिर गया। इसके बाद वहां मौजूद भीड़ जमकर तालियां बजाने लगी। लोग हंसने लगे। हालांकि, रावण दहन के आयोजकों ने फिर से रावण को खड़ा कर दिया है।
कोरोना की वजह से पिछले 2 सालों से इसका आयोजन नहीं हो पाया था। इसलिए इस साल इसका भव्य आयोजन किया जा रहा है। प्रदूषण का ख्याल रखते हुए इस बार ईको फ्रेंडली रावण दहन किया जाएगा। पटना सहित बिहार के अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए जुट रहे हैं।
पुतलों पर की गई है प्लास्टिक वार्निश
इस बार बारिश होने के बाद भी रावण वध कार्यक्रम में कोई अड़चन नहीं पैदा होगी। बारिश की संभावना को देखते हुए रावण, मेधनाद और कुंभकर्ण के पुतलों पर प्लास्टिक वार्निश की गयी है। गांधी मैदान में इसको लेकर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। रावण दहन देखने के लिए लोगो को पास लेने की जरूरत होगी। बिना पास का किसी को भी अंडर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस दौरान या
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया जाएगा। साथ ही भगवान राम जब गांधी मैदान में वध के लिए पहुंचेंगे तब भगवान की आरती मुख्यमंत्री करेंगे। मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी यहां मौजूद रहेंगे। सुरक्षा के दृष्टिकोण से गांधी मैदान में सभी के बैठने का अलग अलग इंतजाम किया गया है।
दो लाख के ईको फ्रेंडली पटाखे से जलेगा रावण
इस साल रावण का पुतला 70 फीट, कुंभकर्ण 65 फीट और मेघनाथ का पुतला 60 फीट का होगा। इन पुतलों को बनाने में 16 कलाकार पिछले 25 दिनों से काम कर रहे हैं। इसमें 7 तरह के कलर, 550 पीस खड़ा कच्चा बांस, 250 किलो पेपर, 100 किलो रस्सी, 1200 मीटर राजस्थानी कपड़ा, 1200 मीटर जूट, 200 सीट फैंसी पेपर और दो लाख के ईको फ्रेंडली पटाखे का उपयोग किया जा रहा है।
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