Home Bihar पूर्णिया के जनप्रतिनिधि सिर्फ हरी झंडी दिखाते!: तीन जोड़ी पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेन के सहारे पूर्णिया प्रमंडल के लोग, सभी कटिहार पर हैं निर्भर

पूर्णिया के जनप्रतिनिधि सिर्फ हरी झंडी दिखाते!: तीन जोड़ी पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेन के सहारे पूर्णिया प्रमंडल के लोग, सभी कटिहार पर हैं निर्भर

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पूर्णिया के जनप्रतिनिधि सिर्फ हरी झंडी दिखाते!: तीन जोड़ी पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेन के सहारे पूर्णिया प्रमंडल के लोग, सभी कटिहार पर हैं निर्भर

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पूर्णियाएक घंटा पहले

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पूर्णिया के जनप्रतिनिधि सिर्फ हरी झंडी दिखाते! - Dainik Bhaskar

पूर्णिया के जनप्रतिनिधि सिर्फ हरी झंडी दिखाते!

पूर्णिया के जनप्रतिनिधि सिर्फ ट्रेन शुरू होने पर हरी झंडी दिखाने का काम करते हैं। पर नई मांग पर सब मौन हैं। उक्त सवाल सामाजिक कार्यकर्ता अनिल चौधरी ने पूर्णिया के सम्मानित नेताओं से पूछ। उन्होंने कहा कि आखिर क्यों पूर्णिया के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

कई दशकों तक पूर्णिया के लोगों ने संघर्ष किया। इसके बावजूद लोगों की उम्मीद पूरी नहीं हुई। 2008 की कोसी की बाढ़ में रेल पटरी बह जाने के बाद परिचालन सालों बाधित रहा। साल 2016 में बड़ी शिद्दत के बाद बड़ी लाइन की मांग पूरी हुई पूरे तामझाम के साथ शुरुआत हुई, लेकिन समस्या पूर्व की तरह जस की तस कायम है। अब पूर्णिया-सहरसा रेलखंड पर विद्युतीकरण का काम भी पूरा हो चुका है। इसके बाद भी लंबी दूरी की ट्रेन के लिए लोग अभी भी तरस रहे हैं।

तीन जोड़ी पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेन के सहारे पूर्णिया प्रमंडल के लोग

अनिल चौधरी ने कहा कि सिर्फ तीन जोड़ी पैसेंजर और तीन एक्सप्रेस ट्रेन के सहारे पूर्णिया प्रमंडल के लोगों को ठगने का काम किया गया है। यहां के जनप्रतिनिधि ट्रेन की शुरुआत होने पर सिर्फ हरी झंडी दिखाते नजर आते हैं। इसके बाद किसी जनप्रतिनिधि ने ट्रेन की मांग को लेकर आवाज उठाना तक मुनासिब नहीं समझा। बड़ी लाइन की बड़ी गाड़ियों के लिए जब भी मांग की जाती थी तो बड़े नेता यह कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते थे कि यहां विद्युतीकरण होना बांकी है, लेकिन अब यह सपना भी पूरा हो गया है। सहरसा पूर्णिया रेलखंड पर विद्युतीकरण भी हो गया, लेकिन लंबी दूरी का ट्रेन लोक लुभावन योजना में दबकर रह गया।

नेताओं के कारण रेल सेवा में आज पूर्णिया सबसे पिछले पायदान पर

सीमांचल का यह क्षेत्र पूर्णिया के ही नेताओं के कारण रेल सेवा के मामले में आज सबसे पिछले पायदान पर अंकित है। पटना व महानगर जाने के लिए लोगों को कटिहार का मुंह देखना पड़ता है। अभी पूर्णिया से सीधी ट्रेन सेवा के लिए लोग रेलवे मंत्रालय की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।

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