Source : Reuters

महाकुंभ में भीषण आग: 3 सिलेंडर फटे, 25 टेंट जलकर खाक |

 

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित महाकुंभ मेला के दौरान रविवार को एक भीषण आग की घटना सामने आई, जिसने मेला क्षेत्र में हलचल मचा दी। आग की चपेट में आने से तीन गैस सिलेंडर फट गए और 25 से अधिक टेंट जलकर राख हो गए। इस हादसे में, हालांकि किसी की जान नहीं गई, लेकिन भारी संपत्ति का नुकसान हुआ है और कई लोग प्रभावित हुए हैं। आग लगने की घटना उस समय हुई जब मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में व्यस्त थे।

घटना का समय और स्थान

  • आग लगभग सुबह 6 बजे के आस-पास लगी, जब मेले में तंबू (टेंट) और अस्थायी शरण स्थल के रूप में कई छोटे स्टॉल लगाए गए थे।
  • आग की शुरुआत एक टेंट से हुई, जो तेजी से फैलकर आसपास के 25 से अधिक टेंटों को अपनी चपेट में ले लिया।
  • प्रभावित क्षेत्र महाकुंभ मेले का उत्तरी क्षेत्र था, जो मुख्य रूप से श्रद्धालु ठहरने और भोजनालयों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। इन टेंटों में व्यवसायिक गतिविधियाँ चल रही थीं और यहां कई लोग ठहरे हुए थे।

आग के कारण और सिलेंडर फटना

  • प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, आग की मुख्य वजह गैस सिलेंडर का रिसाव और शॉर्ट सर्किट हो सकती है।
  • आग ने जब तंबू के भीतर स्थित गैस सिलेंडर को अपनी चपेट में लिया, तो सिलेंडर फटने लगे, जिससे आग और तेजी से फैली।
  • सिलेंडर के फटने से आसपास की सामग्री और टेंट और भी तेजी से जलने लगे।
  • सिलेंडर के विस्फोट की वजह से भारी धमाके सुनाई दिए, जिससे पूरे मेला क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बन गया।

नुकसान और प्रभावित लोग

  • आग की चपेट में आने से अस्थायी आश्रय स्थलों, खाद्य और वस्त्र विक्रेताओं के स्टॉल, और व्यवसायिक सामान का भारी नुकसान हुआ।
  • कई लोग प्रभावित हुए, लेकिन गनीमत यह रही कि जनहानि से बची। हालांकि, कुछ लोग मामूली तौर पर घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में उपचार दिया गया है।
  • प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया और प्रभावित लोगों को अस्थायी आवास प्रदान किए गए। साथ ही, आग बुझाने की प्रक्रिया में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत के कारण आग पर काबू पाया गया।

प्रशासन का बयान और राहत कार्य

  • घटना के बाद, प्रयागराज पुलिस और दमकल विभाग की टीमों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। पुलिस और दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने के लिए लगभग 2 घंटे तक काम किया।
  • प्रशासन ने भी त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए प्रभावित लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की और घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी।
  • प्रशासन ने सभी प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा देने की बात की और यह आश्वासन दिया कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाएगा।

सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल

इस घटना ने महाकुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। महाकुंभ में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, और मेले की सफलता उसके सही तरीके से प्रबंधन और सुरक्षा पर निर्भर करती है।

  • आग जैसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को और अधिक सख्त करने की आवश्यकता है।
  • दमकल सेवाओं के साथ-साथ गैस सिलेंडर की निगरानी और सुरक्षित तरीके से स्टोरिंग पर भी ध्यान देना होगा।

प्रभाव और आगामी कदम

महाकुंभ मेला एक बड़ा धार्मिक आयोजन है, और इस तरह की घटनाओं से श्रद्धालुओं का अनुभव प्रभावित हो सकता है।

  • इस घटना से मेले के प्रशासन को सुरक्षा और प्रबंधन में सुधार के लिए काम करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
  • आग बुझाने के लिए पहले से बेहतर तैयारी और चेतावनी सिस्टम होना चाहिए, जिससे इस प्रकार के हादसों का असर कम किया जा सके।
  • उपयुक्त सुरक्षा गाइडलाइंस के तहत ही मेले में सामान और गैस सिलेंडर जैसे खतरनाक पदार्थों को रखे जाने की आवश्यकता है।

कुल मिलाकर

महाकुंभ मेला हर साल लाखों श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करता है, और इस तरह की घटनाएं मेले की रौनक और सुरक्षा को प्रभावित करती हैं। प्रशासन को भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी उपाय करने होंगे, ताकि श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को कोई नुकसान न हो।