Home Bihar बाल्किमेश्वरनाथ महादेव मंदिर का शिव पुराण में है वर्णन: साक्षात महादेव ने शिवलिंग की स्थापना की थी, भगवान राम के बारात में आए थे ऋषि-मुनि

बाल्किमेश्वरनाथ महादेव मंदिर का शिव पुराण में है वर्णन: साक्षात महादेव ने शिवलिंग की स्थापना की थी, भगवान राम के बारात में आए थे ऋषि-मुनि

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बाल्किमेश्वरनाथ महादेव मंदिर का शिव पुराण में है वर्णन: साक्षात महादेव ने शिवलिंग की स्थापना की थी, भगवान राम के बारात में आए थे ऋषि-मुनि

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सीतामढ़ी41 मिनट पहले

सीतामढ़ी जिले के सुरसंड से 2 किलोमीटर की दूरी पर भारत-नेपाल सीमा पर बाबा बाल्मिकेश्वर नाथ मंदिर है। जिसकी व्याख्याय शिव पुराण में भी किया गया है। शिवलिंग गो कर्ण के आकार का होने से इसका अपना अलग महत्व है। इस मंदिर के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से लोगों की मन्नतें जल्द पूरी होती है।

मिथिला के राजा जनक की पुत्री और भगवान राम की अर्धाग्नि सीता के विवाह में शरीक होने अयोध्या से आये ऋषि-मुनियों ने यहां पर अपना डेरा डाला था। और वही शिवलिंग की पूजा अर्चना की थी। यह शिवलिंग समतल भूमि से करीब 11 फुट की गहराई में स्थापित है। खास बात तो यह है कि इस मंदिर में एक विशाल नाग राज है जो समय समय पर अपना दर्शन देते है। किंवदंती के अनुसार रामायण काल से हजारों वर्ष पूर्व यहां विशाल जंगल था।

यहां एक ऋषि तपस्या किया करते थे तपस्या के दौरान उनके शरीर में दीमक तक लग गया था। उनके तपस्या से खुश होकर साक्षात महादेव ने उक्त शिवलिंग की स्थापना की थी। तब से भारत-नेपाल दोनों देश के लोग उक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करने लगे। सावन महीने में खासकर यह लोगों के आस्था का केंद्र बना रहता है। ऐसे प्रत्येक रविवार और सोमवार को यहां भीड़ रहती है। सावन महीने की शुरुआत से ही मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजा गया है।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शिव सेवा समिति के पदाधिकारियों द्वारा नामित युवक मेला परिसर की व्यवस्था का संचालन करते हैं। साथ ही स्थानीय थाना से पुलिस बल व महिला कांस्टेबल की भी प्रतिनियुक्ति की जाती है।

बाबा बल्किमेश्वर नाथ महादेव के शिवलिंग पर आज करीब 40हजार भारत और नेपाल के लोग जलाभिषेक करेंगे। प्रत्येक वर्ष सावन की सोमवारी पर दर्जनों भक्त तो साइकिल से पहलेजा घाट जाकर वहां से गंगाजल लाकर बाबा बाल्मिकेश्वर पर जलाभिषेक करते है। तो कई लोग दंड देते हुए बागमती नदी से ही जल लेकर जलाभिषेक करते हैं।

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