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बिहार में बिजली दरों में बढ़ोतरी, लोग परेशान: BIA ने कहा– ये 24% की नहीं ये 40% की बढ़ोतरी है, इससे बिजली चोरी और बढ़ेगी

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बिहार में बिजली दरों में बढ़ोतरी, लोग परेशान: BIA ने कहा– ये 24% की नहीं ये 40% की बढ़ोतरी है, इससे बिजली चोरी और बढ़ेगी

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पटनाएक घंटा पहले

बिहार में बिजली दरों में 24.10% बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के बाद अब बिहार वासियों को पर यूनिट 1.67 पैसे अधिक देने पड़ेंगे। अब 100 यूनिट तक बिजली यूज करने वाले कस्टमर को 147 रुपए चुकाने होंगे। फिक्स्ड चार्ज भी अब दोगुना कर दिया गया है। वहीं इस बढ़े दर को लेकर BIA (Bihar Industries Association) के फॉर्मर वाइस प्रेसिडेंट संजय भारतीया द्वारा कहा गया है कि इस बढ़ोतरी से बिजली की चोरी और ज्यादा बढ़ेगी। वहीं इमानदारी से अपना बिल चुका रहे हैं उन पर यह पहाड़ की तरह गिरेगा।

बिजली की बढ़ी दरों को लेकर दैनिक भास्कर की टीम पटना के आम लोगों से मिली। उनसे जाना कि उनके पॉकेट पर इस बढ़ोतरी का क्या असर पड़ा…

सीमा कुमारी, गृहिणी : बिजली की बढ़ी दरों को लेकर बेगूसराय में रहने वाली सीमा कुमारी कहती हैं कि बिजली की बढ़ी दरों के कारण उनके घर के बजट पर काफी असर पड़ेगा। इस दर का असर हर एक चीज पर पड़ेगा। बच्चों के एजुकेशन लेकर घर की हर चीजों पर पड़ेगा। मिडल क्लास फैमिली का बजट पूरा हिल जाएगा।

मंदिरी निवासी हाउसवाइफ सीमा कुमारी ने कहा कि कमाई तो उतना ही है और अगर बिजली की दरें बढ़ जाएंगी तो घर में काफी असर पड़ेगा। ऐसे में न ही पंखा चला सकते हैं, न ही कंप्यूटर और न ही टीवी। बिजली की दरें बढ़ने से हम बच्चों को कंप्यूटर का इस्तेमाल कम करने के लिए कहेंगे ऐसे में उनके पढ़ाई पर भी काफी असर पड़ेगा।

बिजली बिल और ज्यादा महंगाई आएगी तो। महंगाई काफी बढ़ गई है। राशन पानी भी काफी महंगा हो गया है तो खाने के भी लाले पड़ रहे हैं। अब बिजली की भी दरें बढ़ने से बचत भी नहीं हो पाएगा। आखिर में यही होगा कि बच्चों का पढ़ाई लिखाई ही बंद करना पड़ेगा।

बोरिंग रोड में गारमेंट की शॉप में काम करने वाले मेहबूब खान ने कहा बिजली विभाग के द्वारा बढ़े बिजली दरों को लेकर बोरिंग रोड पटना गारमेंट शॉप में काम करने वाले महबूब खान का कहना है कि विभाग के द्वारा यह काम बिल्कुल गलत किया गया है। उनको ऐसा नहीं करना चाहिए था। इन दरों के कारण उनके बच्चों की पढ़ाई लिखाई खाना-पीना हर चीजों पर असर पड़ेगा। पिछले दिनों रसोई गैस की दाम में बढ़ोतरी की गई थी। अब बिजली की दरों को बढ़ा दिया गया है। जिससे उनके पॉकेट पर असर पड़ेगा और घर चलाने में मुश्किलें आएंगी।

अनीसाबाद पुलिस कॉलोनी निवासी अंजनी कुमार ने कहा कि पहले से जो बिजली की दर निर्धारित है और अभी जो बिजली की दरें बढ़ाने का सवाल है उसपे सरकार को सोचना चाहिए। सरकार और बिजली विभाग को मिल बैठकर और जनता का अपना विचार लेकर ही कुछ करना चाहिए। वैसे तो बिजली की खपत बहुत अधिक है और अगर बढ़े भी 2% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

बियाडा टेक्नीशियन चितकोहरा निवासी शिव कुमार ने कहा कि बिजली की दरें बढ़ने से बहुत सारा असर पड़ेगा। गैस भी महंगा हो गया है तो दोनों तरफ से नुकसान ही लग रहा है। पहले की अपेक्षा बिजली में काफी रेट बढ़ गया है। बिजली से ज्यादा कम से कम गैस ही अच्छा है। हर जगह बिजली का काफी इस्तेमाल होता है और सौर प्लेट बिहार में अभी उतना ज्यादा नहीं है। बिजली की खपत काफी ज्यादा हो रहा है और यूनिट भी बढ़ते जा रहा है, तो पॉकेट में काफी ज्यादा असर पड़ रहा है। स्मार्ट मीटर के आने से अब कोई इंडिकेटर भी चलता है तो मीटर काफी फास्ट चलता है। पहले रीडिंग था तो ऐसा नहीं था। नॉर्मल मीटर की अपेक्षा स्मार्ट मीटर ज्यादा कंज्यूम करता है।

बाकरगंज के सुप्रीम इलेक्ट्रॉनिक शॉप के मालिक राजेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि कमाई से ज्यादा खर्चा बढ़ते जाएगा तो लास्ट में यही होगा कि लोग खुद आत्महत्या करेंगे या फिर मारेंगे। इससे ज्यादा तो कुछ नहीं होगा। सरकार को किसी और से मतलब नहीं है बस अपने से मतलब है, पब्लिक जाए भाड़ में। बिजली की दरें बढ़ने से असर पड़ने का तो पड़ ही रहा है। हर जगह खर्चा तो बढ़ ही रहा है और सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है।

बाकरगंज निवासी लगन देव प्रसाद ने कहा कि दो पैसा का आमदनी हो रहा है और बिजली का पैसा बढ़ने से अब खर्च में भी काफी इजाफा होगा। बच्चे लोगों की किताब कॉपी का भी खर्चा बढ़ रहा है तो हम लोग इतने पैसे कहां से लाएंगे? आखिर में हम लोग को आत्महत्या ही करना पड़ेगा सरकार इन सब चीजों पर ध्यान नहीं दे रही है। स्मार्ट मीटर आने से बिजली की दरों में डबल का अंतर हो गया है। पहले 500 रुपए चार्ज जाता था और अब बढ़कर 800 रुपए हो गया है।

नई इंडस्ट्रीज का आना तो दूर, जो चल रही वो भी बंद होगी- BIA

BIA के द्वारा बढ़े बिजली दर को लेकर ये बयान दिया गया कि गुरुवार, 23 मार्च से नए साल के लिए 1 अप्रैल से बिजली की दरों को बढ़ा दिया गया है। बिजली बोर्ड ने फिक्स चार्जेस को दो गुना करने की मांग की थी और यूनिट चार्जेस में भी 50% बढ़ाने की मांग की थी। जिसके बाद अब फिक्स चार्जेस को दो गुना कर दिया गया है और एनर्जी चार्जेस को 24.10% बढ़ाया गया है। इसके बाद यहां जो इंडस्ट्रियल कंज्यूमर हैं और कमर्शियल कंज्यूमर है उनका बिजली बिल अब मिनिमम 40% बढ़ जायेगा। यानी ये बढ़ोतरी 24% की नहीं ये बढ़ोतरी 40 से 100% की है। BIA ये मानता है कि इस बढ़ोतरी से जो बिहार में इंडस्ट्राइलाइजेशन का माहौल बना था, वह रुक जाएगा। इसके अलावा नई इंडस्ट्रीज का आना तो दूर की बात है, जो पुराने इंडस्ट्रीज चल रही है उसे 40% की बढ़ोतरी के साथ उनको चला पाना संभव नहीं है।

इसके साथ ही भी आई है कि द्वारा यह भी कहा गया कि जब इस मुद्दे को लेकर पब्लिक हियरिंग में उन्होंने साफ तौर पर बताया था कि जो बोर्ड के द्वारा बिजली उपलब्ध कराई जाती है उसका 15% ही बिजली डिस्ट्रीब्यूशन लॉस होना चाहिए। लेकिन यहां 45% डिस्ट्रीब्यूशन लॉस होता है। अगर इस लॉस को 15% कर दिया जाए तो बिजली की दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमने यह भी कहा था कि जो उपभोक्ता इमानदारी से अपना बिल दे रहे हैं उन पर इन दरों को थोपना सही नहीं है।

लेकिन बिजली बोर्ड जो घाटा अपना कम नहीं कर पा रहा है। बिजली की चोरी नहीं रोक पा रहा है। उसका खामियाजा उसके इमानदार और समय से बिजली बिल जमा करने वाले कंज्यूमर के ऊपर डाला जा रहा है। जिससे बिजली चोरी घटने की जगह और ज्यादा बढ़ जाएगी। बिजली बढ़ोतरी का यह निर्णय बिहार और बिहार के उपभोक्ताओं के लिए सही नहीं है।

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