Home Bihar मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चा PMCH में भर्ती: पिता ने सरकार से लगाई थी गुहार, वीडियो जारी कर अस्पताल की हालत भी बताई थी

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चा PMCH में भर्ती: पिता ने सरकार से लगाई थी गुहार, वीडियो जारी कर अस्पताल की हालत भी बताई थी

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मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चा PMCH में भर्ती: पिता ने सरकार से लगाई थी गुहार, वीडियो जारी कर अस्पताल की हालत भी बताई थी

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पटना7 घंटे पहले

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मुजफ्फरपुर के विनोद पंडित का 14 वर्षीय बेटा मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जानलेवा बीमारी से पीड़ित है। सीरियस होने के कारण बच्चे को दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां बच्चे का इलाज सही नहीं होने के कारण PMCH भेज दिया गया है। गंभीर स्थिति में बच्चे का इलाज PMCH में किया जा रहा है। लेकिन पीड़ित बच्चा जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।

बच्चे के इलाज को लेकर उसके पिता का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें विनोद पंडित ने डीएमसीएच की व्यवस्था पर सवाल उठाया था। साथ ही परिवार के साथ सुसाइड करने की बात कही थी। यह वीडियो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों के लिए बनाई गई व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर हो गई। ग्रुप में बिहार स्वास्थ्यस्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी भी जुड़े हैं।

इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत के पर्सनल नंबर पर वायरल वीडियो को व्हाट्सएप किया गया है। हालांकि, वीडियो वायरल के बाद स्वास्थ्य विभाग के OSD की नींद खुली और आनन फानन में बच्चे को PMCH में भर्ती करने का आदेश दिया। वहां बच्चे की गंभीर स्थिति में इलाज किया जा रहा है। लेकिन, स्थिति में कोई सुधार नहीं है।

नासिक से पटना के लिए ट्रेन में नहीं मिली सीट

बच्चे को देखने के लिए नासिक से पटना के लिए ट्रेन में जगह नही मिला खड़ा होकर सफर कर रहा हूँ। बैठने की भी जगह नही है।वहां बच्चे की स्थिति सीरियस होती जा रही है। न तो सरकार सुनने को तैयार है न तो स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल वाले तो कुछ भी नही सुन रहें हैं।

वायरल वीडियो में DMCH की व्यवस्था की खोली पोल

पीड़ित बच्चे के पिता ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पोल खोल हुए बताया कि पीड़ित बच्चे को भर्ती तो कर लिया बच्चे की स्थिति बिगड़ती जा रही है। जब शिकायत किया तो डॉक्टर ने बताया यहां व्यवस्था नही है। दूसरे जगह ले जाओ और जबरन डिस्चार्ज पेपर बना कर पटना भेज दिया। यहां भी बच्चे को न तो भर्ती नही कर रहे हैं। और नही इलाज हो।रहा है

नासिक में खाना बनाने का काम

पीड़ित पिता विनोद पंडित महाराष्ट्र के नासिक में खाना बनाने का काम करता है। 15000 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है। उससे पांच परिवार का भरण पोषण करता है।

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का इलाज विदेश में

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चे के इलाज में लाखों के खर्च है।इसका इलाज भारत मे नहीं विदेश में है। लेकिन उतना पैसा ही नहीं है कि बच्चे का इलाज विदेश में करा सके। इसलिए सरकार से गुहार लगाया कि इलाज में मदद की जाए। लेकिन, कोई मदद नही मिलने को लेकर परेशानी बढ़ गई है।

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित 8 वर्षीय बच्चे के एक पिता सुभाष सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ,वित्त मंत्री विजय चौधरी को पत्र लिखकर बताया कि विदेश मे इस बीमारी का इलाज संभव है। लेकिन भारत मे इसका इलाज नहीं है।

इसके लिए केंद्र सरकार और बिहार सरकार से गुहार लगाया है कि भारत के अलग-अलग राज्यों में सेंटर बनाया जाए। जिसमें फिजियोथेरेपी, हीड्रोपैथी, कट्टू थेरेपी की व्यवस्था की जाए और दवा का निर्माण भारत मे हो ताकि समय से बच्चों का इलाज हो सके।

सरकार को लेना होगा निर्णय

निजी संस्थान में प्रत्येक दिन 500 से हजार खर्च फिजियोथेरेपी,हीड्रोपैथी,कट्टू थेरेपी के लिए निजी संस्थान प्रत्येक दिन 500 से 1000 रुपए खर्च होते है। यहां गरीब परिवार के लोग पीड़ित बच्चे का इलाज नहीं करा सकते हैं। इस पर सरकार को विचार करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार के ठोस निर्णय का इंतजार है, ताकि पीड़ित बच्चे का जीवन बच सके।

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