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नए टाटास |नोएल टाटा की नियुक्ति का महत्व | टाटा ग्रुप का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:

यह बात बिल्कुल सही है कि Tata Group के इतिहास में एक नई पीढ़ी का उदय हो रहा है, खासकर Noel Naval Tata की नियुक्ति के साथ, जो Ratan Tata के आधे भाई हैं। उनके Tata Trusts के अध्यक्ष बनने के बाद, Tata Group में नेतृत्व की बागडोर एक नई दिशा की ओर अग्रसर हो रही है। आइए इस बदलाव को और विस्तार से समझते हैं।

Tata Group का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:

Tata Group भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा industrial conglomerate है, जिसकी स्थापना Jamsetji Tata ने 1868 में की थी। इस समूह का उद्देश्य भारत में औद्योगिक क्रांति लाना था। ग्रुप की कंपनियाँ विभिन्न उद्योगों में कार्यरत हैं, जैसे कि Tata Motors, Tata Steel, Tata Consultancy Services (TCS), और Tata PowerRatan Tata ने 1990 में Tata Group की कमान संभाली और उन्हें ग्रुप की सफलता का प्रमुख श्रेय दिया जाता है।

Ratan Tata के नेतृत्व में Tata Group ने न केवल भारतीय उद्योग जगत में कदम रखा, बल्कि global expansion भी किया। उनके तहत Tata Group ने बड़ी कंपनियाँ खरीदीं, जैसे कि Jaguar Land Rover, Tetley, और Corus Steel, जिनका प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है।

Ratan Tata के बाद नेतृत्व परिवर्तन:

Ratan Tata के retirement के बाद, Cyrus Mistry को 2012 में Tata Group का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि, 2016 में Mistry को हटा दिया गया, जिससे Tata Group में नेतृत्व को लेकर विवाद खड़ा हो गया। इस समय, Ratan Tata ने एक बार फिर से Tata Sons का interim chairman का पद संभाला और अंततः Noel Tata को एक स्थायी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।

Noel Tata का योगदान और भूमिका:

Noel Naval Tata Ratan Tata के आधे भाई हैं, और उनका जन्म Naval Tata और उनकी दूसरी पत्नी Simone Tata के घर हुआ था। Noel Tata ने अपने करियर की शुरुआत Tata Group की विभिन्न कंपनियों में काम करते हुए की। उन्होंने Tata International और Tata Consultancy Services जैसी कंपनियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह ग्रुप के भीतर एक low-profile व्यक्ति रहे हैं, लेकिन उन्होंने लंबे समय तक Tata Group की strategy और development में सक्रिय भूमिका निभाई है।

Tata Trusts का महत्व:

Tata Trusts Tata Group की एक प्रमुख philanthropic arm है और यह Tata Sons का एक अहम हिस्सा है। Tata Trusts में कई प्रमुख ट्रस्ट्स शामिल हैं जैसे कि Sir Ratan Tata Trust, Sir Dorabji Tata Trust, और अन्य सहायक ट्रस्ट्स, जो Tata Group की 66% हिस्सेदारी के मालिक हैं। इन ट्रस्ट्स का उद्देश्य समाज में developmental initiatives को बढ़ावा देना है, जैसे कि healthcare, education, और poverty alleviation

जब Noel Tata को Tata Trusts का chairman नियुक्त किया गया, तो इसका मतलब था कि अब वह Tata Group की व्यावसायिक दिशा के अलावा, उसके परोपकारी कार्यों पर भी प्रभाव डालने में सक्षम होंगे। उनके द्वारा किए गए decisions न केवल कंपनी के विकास को प्रभावित करेंगे, बल्कि समाज के उत्थान के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे।

Noel Tata की नियुक्ति का महत्व:

अक्टूबर 2024 में Noel Tata को Tata Trusts का chairman बनाया गया। यह नियुक्ति Tata Group के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि यह दिखाता है कि Tata Group अपनी अगली पीढ़ी को जिम्मेदारी दे रहा है। Noel Tata का नाम पहले से ही Tata Group में कई महत्वपूर्ण निर्णयों में रहा है, और अब उन्हें Trusts के प्रमुख के रूप में एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।

Noel Tata की नियुक्ति से यह भी साफ होता है कि Tata Group भविष्य में social responsibility और business development दोनों को संतुलित तरीके से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। उन्हें समाजिक कार्यों और परोपकार में गहरी रुचि है, और यह उनकी नियुक्ति का एक अहम पहलू है।

भविष्य में क्या बदलाव हो सकते हैं?

Noel Tata के अध्यक्ष बनने से Tata Group में कई बदलाव आ सकते हैं। वह एक अधिक पारदर्शी और समर्पित नेतृत्व शैली अपनाते हुए कंपनी को social issues पर ध्यान देने के साथ-साथ business growth की दिशा में भी अग्रसर कर सकते हैं। उनकी नियुक्ति से यह भी स्पष्ट होता है कि Tata Group की नीतियाँ family traditions and values के आधार पर बनाई जाएंगी, जो पहले से ही Ratan Tata और Jamsetji Tata द्वारा स्थापित की गई थीं।

इसके अलावा, उनके नेतृत्व में Tata Group को innovation, global expansion, और technology के क्षेत्र में भी एक नई दिशा मिल सकती है, क्योंकि वह उन पहलुओं पर विशेष ध्यान देंगे जो वर्तमान समय की आवश्यकताएँ हैं।