Home Bihar ये तो लूट-खसोट है: 10 साल में 200 करोड़ खर्च कर दिए, फिर भी गर्मी में नहीं बुझेगी प्यास

ये तो लूट-खसोट है: 10 साल में 200 करोड़ खर्च कर दिए, फिर भी गर्मी में नहीं बुझेगी प्यास

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ये तो लूट-खसोट है: 10 साल में 200 करोड़ खर्च कर दिए, फिर भी गर्मी में नहीं बुझेगी प्यास

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दरभंगा12 मिनट पहले

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  • शहर में 53 हजार टैक्सधारी, इनमें मात्र 29 हजार परिवारों तक ही पानी पहुंचा रहा है नगर निगम

शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए पिछले 10 सालों में करीब 200 करोड़ से अधिक रुपए खर्च हुए। इसके बावजूद गर्मी का पारा चढ़ते ही लोगों के बीच पेयजल का संकट मंडराने लगता है। ऐसी हालत इसलिए भी है कि पिछले लंबे समय से जलापूर्ति के नाम पर जितनी राशि खर्च की गई उसके अनुपात में लोगों को सुविधा नहीं मिली। वर्ष 2005 से 2022 तक 101 करोड़ रुपए खर्च करके 111 किमी. पाइप बिछाई गई। जिससे मात्र 29 हजार परिवारों को पानी का कनेक्शन किया जा सका है। जबकि नगर निगम की सेंसेक्स 2011 के मुताबिक शहर में करीब 53 हजार होल्डिंग नंबर है। अधिकांश जगहों पर कनेक्शन देने के बावजूद पंप हाउस या ओवरहेड टैंक अभी तक नहीं बना है। जिसकी वजह से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है।

इसके अलावा समय समय पर सबमर्सिबल और हैंडपंप आदि व्यवस्था के नाम पर राशि खर्च किया। शहर के मदारपुर माेहल्ले में सैकड़ाें परिवाराें के घराें में कनेक्शन के बावजूद पानी की आपूर्ति नहीं हाेती है। जबकि लहेरियासराय के वीआईपी रोड स्थित बलभद्रपुर के मुस्लिम टोला में पेयजल आपूर्ति के लिए नगर निगम को पानी का टैंकर लगाना पड़ता है। नगर निगम ने एक बार फिर से 128.55 करोड़ रुपए की लागत से पाइप बिछाकर 31,275 घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। शहर में घरों तक पानी मुहैया कराने का यह बड़ी योजना है। पाइप बिछाने के बाद इन इलाकों में पानी कनेक्शन से वंचित 31,275 परिवारों को जोड़ा जाएगा। लेकिन इससे पहले वार्डाें में बड़ी संख्या में स्टैंड पोस्ट लगाया गया था।

240 सबमर्सिबल लगाने हैं, अभी तक मात्र 120 ही लगे

पेयजल संकट से निपटने के लिए शहर के प्रत्येक वार्ड में पांच पांच सबमर्सिबल और चार -चार हैंडपंप लगाने का प्रावधान है। इसके लिए सरकार एवं नगर निगम की ओर से राशि भी जारी की जा चुकी है। शहर में कुल 48 वार्ड हैं। इसके अनुसार कुल 240 सबमर्सिबल लगाने हैं। लेकिन अभी तक मात्र 120 ही सबमर्सिबल लगे हैं। आज से दो साल पहले तक शहर में करीब 400 स्टैंड पोस्ट से मिलने वाले पानी से लोगों को राहत मिलती थी। लेकिन अब शहर का 80 फीसदी तक स्टैंड पोस्ट या तो नाला-सड़क निर्माण की भेंट चढ़ गया या क्षतिग्रस्त होकर बंद है।

11 ओवरहेड टैंक में से चार अब भी निर्माणाधीन ही है
शहर में बनने वाले 11 ओवर हेड टैंक बन कर तैयार नहीं हुए है। पीएचईडी को 7 और बुडको को 4 टैंक का बनाना था। पीएचईडी ने तो टैंक का निर्माण कर दिया। लेकिन एक दो को छोड़कर सब बंद है। वहीं बुडको का टैंक अभी निर्माणाधीन ही है। पीएचईडी के टैंक से पानी की सप्लाई कई प्रकार से समस्याओं के कारण बंद है। कादिराबाद क्षेत्र में बनेे टैंक से पानी इसलिए चालू नहीं किया जाता है कि वहां लिकेज की बड़ी समस्या है।

^शहर में गर्मी बढ़ने के बाद भी संकट की स्थिति से बचने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। वार्डों में तेजी से सबमर्सिबल लगाने का काम किया जा रहा है। नए चापाकल लगाने के साथ ही खराब चपाकलों को ठीक किया जा रहा है। सप्लाई पाइप के लीकेज को भी ठीक करने पर ध्यान है। आने वाले दिनों में जलापूर्ति की व्यवस्था और भी बेहतर होगी। – अजहर हुसैन, सिटी मैनेजर

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