Home Business रेल टिकट में गैरकानूनी खेल, तत्काल सुविधा में हैकर्स ने लगाई सेंध, IRCTC से नहीं हो रही कन्फर्म बुकिंग?

रेल टिकट में गैरकानूनी खेल, तत्काल सुविधा में हैकर्स ने लगाई सेंध, IRCTC से नहीं हो रही कन्फर्म बुकिंग?

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रेल टिकट में गैरकानूनी खेल, तत्काल सुविधा में हैकर्स ने लगाई सेंध, IRCTC से नहीं हो रही कन्फर्म बुकिंग?

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DNA Analysis: आजकल सोशल मीडिया पर कई ज्ञानी एक विशेष तरह का ज्ञान दे रहे हैं. उनका कहना है कि जीवन में पैसे के पीछे भागना चाहिए, क्योंकि पैसा है तो सबकुछ है, पैसा नहीं है कुछ भी नहीं है. लेकिन जहां तक रेलवे टिकट बुकिंग की बात है तो इस मामले में ये बात बिल्कुल सही है. अगर आपके पास टिकट के असल दाम से ज्यादा पैसे देने की क्षमता है तो आप कभी भी, किसी भी जगह का टिकट चुटकियों में ले सकते हैं.

ट्रेन से यात्रा करने वाले इस दर्द को बेहतर समझ सकते हैं. ऐसे लोग जिनकी जेब पर premium train का टिकट खरीदने का जोर नहीं पड़ता, वो इस दर्द को नहीं समझ सकते हैं. लेकिन जो लोग ट्रेन की लंबी यात्राएं करते हैं. जिन्हें त्योहारों पर अक्सर आखिरी कुछ दिनों में टिकट खरीदना पड़ता है. वो ये बात बेहतर जानते हैं कि उन्हें टिकट के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं. ‘तत्काल’ के नाम पर दी जाने वाली सेवा में भी रेलवे आपको ज्यादा पैसे लेकर तुरंत ही टिकट दे देता है. बात वही है कि पैसा है तो आपको टिकट कभी भी मिल सकती है. लेकिन आज हम जो खबर लेकर आए हैं, वो ‘तत्काल’ बुकिंग में चल रहे एक ऐसे घोटाले की है, जिससे सरकार को नहीं, बल्कि आम इंसान को चूना लग रहा है. 

पूरे भारत में एक ऐसा गैंग एक्टिव है, जो रेल यात्रा करने वाले यात्रियों को 1 मिनट में तत्काल टिकट देने का दावा करता है. IRCTC से टिकट बुकिंग करना, वैसे भी आसान नहीं है. ये बात रेलवे टिकट बुक करने वाले लोग जानते होंगे. ये बात वो और ज्यादा बेहतर जानते होंगे कि IRCTC से तत्काल टिकट बुक करना, अंधेरे में आइना देखने जैसा है. आपको पता तो है कि आइना है, लेकिन आपको, आपकी छवि नहीं दिखती. ठीक वैसे ही आपको दिख रहा होता है कि तत्काल टिकट है, लेकिन आप उसे बुक नहीं कर पाते.

आप सोचते हैं कि तत्काल टिकट बुक करने की लाइन इतनी लंबी है, कि ये बुकिंग नामुमकिन हो जाती है. लेकिन सच्चाई इससे अलग है. ZEE NEWS ने railway की तत्काल बुकिंग को लेकर चल रहे खेल पर एक बड़ा खुलासा किया है. हमें अपने खुलासे में कुछ खास बातें पता चली हैं. जैसे-

‘तत्काल’ टिकट के नाम पर जनता से ठगी हो रही है.

IRCTC से नहीं, कहीं और से हो रही है ‘तत्काल’ की कंफर्म बुकिंग.

रेलवे की ‘तत्काल टिकट’ बुकिंग पर साइबर अटैक हो रहा है.

साइबर ठग, सरकार और जनता दोनों को ठग रहे हैं.

एक तत्काल टिकट के लिए 4 से 5 गुना ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं.

आम लोगों को तत्काल टिकट इसलिए नहीं मिलता, क्योंकि कई वर्षों से साइबर ठग, तत्काल टिकट बुक कर रहे थे.

हम उन्हीं ठगों पर एक बड़ा खुलासा करने जा रहे हैं. ये वही ठग हैं, जो तत्काल बुकिंग की Online Window खुलते ही, अपने ग्राहकों के लिए टिकट बुक कर लेते हैं. और आप सुबह-सुबह उठकर, IRCTC की Website को Refresh ही करते रह जाते हैं, देखते ही देखते Available ticket…Wating ticket में बदल जाता है. जब तक एक आम आदमी टिकट की status देखकर, टिकट की अपनी Details भरता है, तबतक तो ये साइबर ठग, सैकड़ों टिकट बुक कर लेते हैं.

साइबर ठगों ने एक ऐसा गैरकानूनी तरीका अपनाया है, जिसकी शिकायत करने वाला कोई नहीं है. वो रेलवे टिकट की बुकिंग 4 से 5 गुना कीमतों पर कर रहे हैं और जनता को Confirm टिकट दे रहे हैं. IRCTC को इसकी कोई खबर नहीं है क्योंकि उसको तो टिकट के पैसे पूरे मिल रहे हैं. जनता मजबूर है क्योंकि उसे तो टिकट चाहिए, इसीलिए वो कई गुना पैसे देकर टिकट ले रही है. लेकिन जनता की इस परेशानी को हमने समझा इसीलिए जी न्यूज संवाददाता शिवांक मिश्रा ने इस पर छानबीन की.

अपनी छानबीन में हमें पता चला कि रेलवे की ‘तत्काल टिकट बुकिंग’ का खेल एक चक्रव्युह की तरह है. जिसमें जनता असली टारगेट है.  इसमें DARKWEB है,….इसमें सोशल मीडिया चैटिंग प्लैटफॉर्म टेलीग्राम है. Darkweb- वो जगह है, जहां से साइबर ठग, Hackers से ऐसे Software या application खरीद रहे हैं जो irctc की कमियों का फायदा उठाकर, ‘तत्काल टिकट बुकिंग’ के रास्ते निकाल रहे हैं. TELEGRAM- वो जगह है ,जहां पर साइबर ठग, जनता को Confirm तत्काल टिकट देने का वादा करते हैं. उन्हें अपने जाल में फंसाते, और फिर 4 से 5 गुना ज्यादा पैसे लेकर टिकट देते हैं. Telegram पर ग्राहक को एक Whatsapp number दिया जाता है, जिसके जरिए ग्राहक से बातचीत की जाती है.

इस पूरे खेल का खुलासा करने के लिए हमारी टीम, तत्काल टिकट का ग्राहक बनकर इस खेल में शामिल साइबर ठगों से मिली. हमने TELEGRAM से मिले Whatsapp नंबर की मदद से ऐसे व्यक्ति से बात की,. जो तत्काल टिकट बुक करने वाला Software बेच रहा था. इस बातचीत में रीतेश सिंह नाम के उस व्यक्ति ने हमें बताया, कि उसके पास तत्काल टिकट बुक करने वाले कई एप्लीकेशन्स हैं. इनकी मदद से IRCTC की वेबसाइट Access करके मिनटों में टिकट बुक हो जाता है. तत्काल टिकट बुकिंग विंडो की हैकिंग वाले इस Software की कीमत 2 हजार रुपये हैं. और यही नहीं हर महीने आपको 2500 रुपये का रिचार्ज भी करवाना होता है, यानी हर महीने का सब्सक्रिप्शन लेना होता है. इसके बाद आप चाहे कितने भी टिकट बुक कर सकते हैं. 

हमें शुरुआत में शक हुआ, कि क्या हैकर्स का बनाया कोई सॉफ्टवेयर, सच में irctc जैसी वेबसाइट के बुकिंग प्रॉसेस को बाइपास कर सकता है? इसको लेकर हमने अपनी पड़ताल में उत्तरप्रदेश के गौतमबुद्धनगर में दादरी रेलवे स्टेशन पर पोस्टेड, RPF के पोस्ट कमांडर इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा से बात की. RPF पिछले कुछ वर्षों से ‘ऑपरेशन उपलब्ध’ चला रही है. इसके जरिए वो अकेले नोएडा में ही 30 के करीब साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर चुके हैं, जो तत्काल टिकट के लिए हैकर्स का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर रहे थे, और उसकी वजह से आम जनता को तत्काल टिकट सामान्य दरों पर नहीं मिल रहा था, मजबूर उन्हें साइबर ठगों से 4 से 5 गुना ज्यादा कीमत देकर टिकट लेनी पड़ रही थी.

हमारी इस बातचीत से एक बात साफ हो गई, कि पुलिस को हैकर्स के सॉफ्टवेयर और साइबर ठगों के बारे में पूरी जानकारी है, लेकिन ये इतने बड़े पैमाने पर चल रहा है कि इसे रोकने में वो फिलहाल नाकाम रहे हैं. जिन साइबर अपराधियों को RPF ने पकड़ा है, हमने उनके बारे में भी पता किया. इनमें से कुछ ने तत्काल टिकट बुकिंग के नाम पर जनता को 30 से 40 लाख रुपये का चूना लगाया है.

ये लोग सरकारी सिस्टम की खामियां पकड़कर, हैकर्स की मदद से उसमें सेंध लगाकर, लाखों रुपये कमा रहे थे. और ये पैसे मासूम जनता की मेहनत की कमाई से आ रहा था, जो तत्काल टिकट नाम मिलने की वजह से मजबूर में इनसे टिकट खरीद रहे थे. दरअसल ये वो लोग हैं जो पहले तत्काल टिकट नाम मिलने की समस्या पैदा कर रहे थे, फिर यही लोग समाधान के नाम पर जनता से कई गुना पैसा लेकर टिकट बेच रहे थे.

IRCTC एक ऐसी वेबसाइट है, जिसकी मदद से दिनभर में करोड़ों टिकट बुक किए जाते हैं. देश में रेलवे टिकट मतलब IRCTC है. लेकिन रेलवे की इस भरोसेमंद वेबसाइट में hackers की सेंध है. यही नहीं, Hackers अगर ऐसे साफ्टवेयर बना रहे हैं, जो टिकट बुकिंग को सामान्य प्रॉसेस से पहले कर दे रहे हैं, तो ये तो irctc की सुरक्षा पर सवालिया निशान है. सवाल ये उठ रहा है कि आखिर Hacker इतनी आसानी से कामयाब कैसे हो गए कि उन्होंने बाकायदा एक टिकट बुकिंग का एक सॉफ्टवेयर बना लिया. इस मुद्दे पर हमने साइबर एक्सपर्ट और भारत सरकार की रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम के सदस्य अमित दूबे से बात की. 

जी न्यूज की इस पड़ताल के दौरान हमने एक साइबर ठग की लोकेशन ट्रैक करने की कोशिश की. हमने iplogger के एक लिंक को Whatsapp पर फ्री तत्काल सॉफ्टवेयरस बताकर भेजा था. इसपर क्लिक करने के साथ ही उस साइबर ठग की लोकशन का भी पता चल गया. भारत का कानून कहता है कि अगर कोई व्यक्ति गैरकानूनी रूप से टिकट बुक करता है, या बेचता है तो उसे भारतीय रेल अधिनियम के तहत अधिकतम 3 वर्ष की सजा या फिर 10 हजार रुपए का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं. बावजूद इसके गैरकानूनी रूप से होने वाले टिकट बुकिंग की समस्या को रेल मंत्रालय गंभीरता से नहीं ले रहा है. शायद वजह यही है कि टिकट के पैसे तो उन्हें हर हाल में मिलने ही हैं, चाहे, टिकट काउंटर से बुक किए जाएं, या फिर irctc की वेबसाइट से या फिर हेकर्स के सॉफ्टवेयर से. नुकसान केवल जनता का ही है, उसे टिकट ऊंचे दामों पर मिलेंगे.

क्या आपको मालूम है कि Australia की आबादी करीब ढाई करोड़ है, और करीब-करीब इतने ही लोग, रोज़ाना Indian railway में सफर करते हैं. यानी देखा जाए तो  Australia की आबादी जितने भारतीय, रोज़ाना ट्रेन में ही रहते हैं. तो इससे समझ सकते हैं कि भारतीय रेल, भारतीयों के जीवन का कितना बड़ा हिस्सा है. बावजूद इसके उसकी समस्याओं को लेकर गंभीर कदम नहीं उठाए जाते. 

उसे ट्रेन की टिकट खरीदने के लिए साइबर ठगों के जाल में फंसना पड़ता है. हमने इस समस्या पर IRCTC के CMD और Chief Vigilance Officer को ईमेल के जरिए जवाब मांगा था. हमने ये पूछा था कि इस गैरकानूनी software के सहारे होने वाली Tatkal टिकट बुकिंग को रोकने के लिए वो क्या कर रहे हैं. इस पर उनका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. उम्मीद करते हैं, वो इस पर गंभीर कदम उठाएंगे और irctc  के बुकिंग process में बड़े बदलाव करेंगे.



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