Home Bihar वर्षों से परेशानी: 25 सड़कों की खुदाई के लिए आरसीडी ने मांगे 1.66 करोड़, इसलिए अटक गया नल का जल

वर्षों से परेशानी: 25 सड़कों की खुदाई के लिए आरसीडी ने मांगे 1.66 करोड़, इसलिए अटक गया नल का जल

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वर्षों से परेशानी: 25 सड़कों की खुदाई के लिए आरसीडी ने मांगे 1.66 करोड़, इसलिए अटक गया नल का जल

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पटना3 घंटे पहले

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इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बुडको) के पास - Dainik Bhaskar

इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बुडको) के पास

राजधानी के लोगों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा देने के लिए शुरू हुए प्रोजेक्ट के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम ठप हो गया है। यह काम इसलिए बंद है, क्योंकि पथ निर्माण विभाग अर्थात आरडीसी ने अपनी सड़कों को खोदकर पाइप बिछाने की अनुमति नहीं दी है। विभाग ने सड़क खोदने से पहले 1 करोड़ 66 लाख रुपए जमा करने कहा है।

इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बुडको) के पास है। बुडको ने अभी तक मात्र साढ़े सात लाख रुपए ही पथ निर्माण विभाग को दिए हैं, जबकि पूरी राशि नहीं मिलने के चलते ही शहर की 25 सड़कों को खोदकर पाइपलाइन बिछाने का काम पिछले पांच महीने से रुक गया है। इन दो एजेंसियों के बीच तालमेल नहीं होने से नलजल योजना का यह काम फंस गया है और शहर के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना पर ग्रहण लग गया है।

49 किमी में बिछानी है पाइपलाइन

वाटर सप्लाई की इस स्कीम के तहत शहर के 10 वार्डों की जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है, लेकिन अभी तक पाइप लाइन बिछाने का काम ही पूरा हो सका है। इस स्कीम के तहत कुल 111 किमी की पाइपलाइन बिछानी है, लेकिन अभी तक 49 किमी पाइपलाइन बिछाने का काम बाकी है। पटना नगर निगम के क्षेत्र में 62 किमी पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। विभागीय जानकारी के मुताबिक आरडीसी ने अपनी सड़कों को खोदकर पाइप लाइन बिछाने की अनुमति अभी तक नहीं दी है। बताया गया है कि इसके लिए जल्द ही आरडीसी की ओर से एनओसी जारी होगा और फिर इसके बाद पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू होगा।

5 नई टंकियां बनकर तैयार

अलग-अलग 5 जगहों पर पांच पानी टंकियां बनाने का काम पूरा हो गया है। इसे शहर के विभिन्न वार्डों में बनाया गया है। अदालतगंज, अंटा घाट, एसके नगर, शेखपुरा और एसके पुरी टंकी बनकर तैयार है। इसके साथ ही पांच पंप हाउस और पांच ट्यूबवेल बनाने का काम भी पूरा हो गया है। हालांकि पाइप लाइन बिछने और घर-घर नॉन कलेक्शन होने के बाद ही पानी की सप्लाई शुरू हो सकेगी।

अब मानसून के पहले का लक्ष्य

इस अधूरे प्रोजेक्ट के पूरा नहीं होने से शहर के लोगों को शुद्ध पेयजल की सुविधा के लिए अभी महीनों का इंतजार करना होगा, क्याेंकि अभी तक 4 हजार 730 घरों में कनेक्शन देने काम पूरा नहीं हो सका है। गौरतलब है कि बुडको द्वारा पटना वाटर सप्लाई स्कीम प्रोजेक्ट को किया जा रहा है, लेकिन समय पर काम पूरा नहीं होने से प्रोजेक्ट पर विपरीत असर दिखने लगा है। मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत दस वार्ड के 13 हजार 250 घरों में पेयजल का कनेक्शन देने का टारगेट है, जिसमें से 8520 मकानों में कनेक्शन दे दिया गया है। बाकी बचे घरों में कनेक्शन देने का काम अभी तक अधूरा है। हालांकि विभागीय अफसरों का कहना है कि मानसून से पहले इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बुडको की कोशिश है कि गर्मी शुरू होने से पहले शहर के बड़े हिस्से में शुद्ध पेयजल की सप्लाई शुरू कर दी जाए। लेकिन बड़े स्तर पर काम अधूरा होने के चलते प्रोजेक्ट में देरी की आशंका बढ़ गई है।

ऐसे पहुंचेगा वार्डों में पेयजल

विभिन्न वार्डों में बनी पानी टंकी से वाटर सप्लाई का पूरा सिस्टम तैयार किया गया है। इसके तहत अदालतगंज के 2 वार्ड 21 और 28 में पाइप लाइन के जरिए पानी को पहुंचाया जाएगा। इसी तरह अंटा घाट में 27 और 37 वार्ड को पानी मिलेगा। एसके नगर में 21, 23 और 25 को पानी मिलेगा। शेखपुरा में 4 और 9 वार्ड को पानी सप्लाई किया जाएगा। इसी तरह एसके पूरी में 22 नंबर वार्ड को पानी मिलेगा। वाटर सप्लाई के लिए पूरा खाका तैयार है, लेकिन तय समय पर प्रोजेक्ट को पूरा होने में अभी भी कई तरह की बाधाएं सामने आ रही है। बुडको के नए एमडी अभिषेक सिंह लगातार इस योजना की समीक्षा कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके।

दोनों एजेंसियों के अफसरों का अपना-अपना तर्क

सड़क खोदकर पाइपलाइन बिछाने का काम ठप है, क्योंकि आरडीसी की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिली है। जल्द ही उनके द्वारा मांगी गई 1 करोड़ 66 लाख रुपए की राशि जमा कर दी जाएगी। हालांकि दो सरकारी विभागों के बीच राशि नहीं मिलने के चलते प्रोजेक्ट के काम को रोकना सही नहीं है। इसी के चलते प्रोजेक्ट में देरी होने की उम्मीद बढ़ गई है।

-राजेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता, बुडको

खोदी गई सड़क को फिर से बनाने की जिम्मेदारी आरडीसी की है। तय राशि मिलने के बाद ही सड़क खोदने की अनुमति दी जाएगी। विभागीय नियम कायदों के मुताबिक ही काम किया जाता है। साढ़े सात लाख के बदले बुडको को एक-दो सड़कों में काम करने के लिए एनओसी दे दी जाएगी। उनके अधिकारी या इंजीनियर खुद नहीं आते हैं, बल्कि ठेकेदार को ही भेजते हैं।
-बिरेंद्र कुमार, मुख्य अभियंता, आरडीसी, साउथ विंग

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