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संवाद: डॉ. आलोक ने कहा- प्रौद्योगिकी का मानव-जीवन में महत्वपूर्ण स्थान

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संवाद: डॉ. आलोक ने कहा- प्रौद्योगिकी का मानव-जीवन में महत्वपूर्ण स्थान

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मधेपुरा4 मिनट पहले

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कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राएं और अतिथि। - Dainik Bhaskar

कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राएं और अतिथि।

प्रौद्योगिकी का मानव-जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। यह हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है। यह बातें दार्शनिक डॉ. आलोक टंडन ने बुधवार को कही। वे प्रौद्योगिकी और समाज विषयक ऑनलाइन- ऑफलाइन संवाद में मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली की स्टडी सर्किल योजनांतर्गत दर्शनशास्त्र विभाग, बीएनएमयू के तत्वावधान में किया गया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी मानव-समाज का एक अभिन्न हिस्सा है। आज मनुष्य एवं मनुष्य के बीच का संबंध और मनुष्य एवं प्रकृति के बीच का संबंध भी प्रौद्योगिकी द्वारा तय हो रहा है।

मुख्य अतिथि अखिल भारतीय दर्शन परिषद के अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर ने कहा कि प्रौद्योगिकी और समाज एक-दूसरे से गहरे जुड़ा हुआ है। प्रौद्योगिकी प्रत्येक युग में रही है और उससे समाज का गहरा संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में सभी मनुष्यों एवं संपूर्ण चराचर जगत के कल्याण की कामना की गई है। सत्यम्, शिवम्-सुंदरम् ही हमारा आदर्श है। हमने वैसी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया, जो हमारे समाज, राष्ट्र एवं संपूर्ण मानवता के लिए उपयोगी हो।

हमारे जीवन का अभिन्न अंग है प्रौद्योगिकी
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आईसीपीआर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेशचंद्र सिन्हा‌ ने कहा कि आज प्रौद्योगिकी मानव जीवन एवं समाज का अभिन्न अंग है। हम जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत प्रौद्योगिकी पर निर्भर हैं। आज हम प्रौद्योगिकी के बिना सभ्य समाज की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर-गढ़वाल में दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. इंदू पांडेय खंडूड़ी ने प्रौद्योगिकी की सार्वभौमिकता के संबंध में महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया। इसके पूर्व अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पाग से स्वागत किया गया।

प्रांगण रंगमंच के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। अतिथियों का स्वागत ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने किया। संचालन आयोजन सचिव डॉ. सुधांशु शेखर ने की। धन्यवाद ज्ञापन दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष शोभाकांत कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार तिवारी (जम्मू-कश्मीर), डॉ. मुकेश कुमार चौरसिया (पटना), मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. आदेश प्रताप सिंह, आलोक रंजन, अंजुम, रॉकी यादव, अनिल कुमार ठाकुर, डॉ. नीतू सिंह, डॉ. पूजा रानी, जूही कुमारी, नंदकिशोर सिंह आदि उपस्थित थे।

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