Home Bihar 10 दिनों में दो छोटे ब्लास्ट कहीं ट्रायल तो नहीं!: बहुत गंभीर है बांका में मदरसा के बाद दरभंगा स्टेशन पर पार्सल ब्लास्ट; जांच टीम सिकंदराबाद के बाद अब मुजफ्फरनगर पहुंची

10 दिनों में दो छोटे ब्लास्ट कहीं ट्रायल तो नहीं!: बहुत गंभीर है बांका में मदरसा के बाद दरभंगा स्टेशन पर पार्सल ब्लास्ट; जांच टीम सिकंदराबाद के बाद अब मुजफ्फरनगर पहुंची

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10 दिनों में दो छोटे ब्लास्ट कहीं ट्रायल तो नहीं!: बहुत गंभीर है बांका में मदरसा के बाद दरभंगा स्टेशन पर पार्सल ब्लास्ट; जांच टीम सिकंदराबाद के बाद अब मुजफ्फरनगर पहुंची

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पटना16 मिनट पहले

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17 जून को दरभंगा जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ब्लास्ट के बाद जांच करती रेलवे पुलिस। - Dainik Bhaskar

17 जून को दरभंगा जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ब्लास्ट के बाद जांच करती रेलवे पुलिस।

बिहार में 10 दिनों के अंदर दो ब्लास्ट हुए। 8 जून को बांका के नवटोलिया इलाके के मदरसा में ब्लास्ट हुआ था। काफी तेजी दिखाते हुए और बगैर FSL की रिपोर्ट आए इस घटना को देशी बम का ब्लास्ट बताकर सरकार और जिले की पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया था। इस घटना के 9वें दिन यानी 17 जून को दरभंगा स्टेशन पर सिकंदराबाद से आई स्पेशल ट्रेन के पार्सल कोच से सामान उतारते ही एक बंडल में ब्लास्ट हुआ था।

मामला रेलवे से जुड़ा है। इस वजह से पूरी गंभीरता के साथ बिहार की रेल पुलिस, ATS और FSL की टीम अपने स्तर पर जांच कर रही है। RPF की इंटेलिजेंस भी अपने स्तर पर इनपुट जुटाने में लगी है। तेलंगाना की रेल पुलिस और ATS पूरी तरह से साथ दे रही है। पिछले 4 दिनों में जांच टीम ने काफी सारे इनपुट और सबुत जुटाए हैं।

बिहार रेल पुलिस की दो टीम इस वक्त राज्य के बाहर गई हुई है। दरभंगा रेल थाने के थानेदार की अगुवाई में एक टीम सिकंदराबाद में जांच कर रही है। जबकि, दूसरी टीम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर पहुंच चुकी है। शक के आधार पर तलाश में छापेमारी चल रही है।

बांका के नवटोलिया मदरसा में धमाके के बाद पहुंची जांच की टीम।

बांका के नवटोलिया मदरसा में धमाके के बाद पहुंची जांच की टीम।

दोनों ही जगहों पर नाम, पता और मोबाइल नंबर मिले फर्जी

जब घटना हुई तो उसके बाद जांच एजेंसियों के हाथ-पांव फुल गए थे। किसी को भी अंदाजा नहीं था कि 30 से 35 किलो के सिंथेटिक कपड़ों से भरे बंडल के बीच में शीशे की बोतल रखी होगी और उसके अंदर विस्फोटक सामान भरा होगा, जो सेंसर के जरिए ब्लास्ट कर जाएगा। इस बात की भनक किसी को नहीं थी। जांच जब दरभंगा से लेकर सिकंदराबाद पहुंची तो रेल पुलिस की टीम के होश तब उड़ गए, जब सब कुछ फर्जी निकला।

दरअसल, कपड़े के पार्सल को सिकंदराबाद में बुक किया गया था। मुजफ्फरपुर के रेल एसपी अशोक कुमार सिंह के अनुसार पार्सल को बुक करने वाले का नाम, पता और मोबाइल नंबर फर्जी मिला। इसी तरह दरभंगा में रिसीवर का नाम, पता और उसका दिया गया मोबइल नंबर भी फर्जी पाया गया। अब तक उस पार्सल को लेने के लिए भी कोई नहीं आया था।

सिकंदराबाद पहुंचे रेल डीएसपी, सुफियान की तलाश

सिकंदराबाद में मौजूद रेल पुलिस की टीम को लीड करने के लिए दरभंगा के रेल डीएसपी नवीन कुमार को आज भेज दिया गया है। शाम तक वो वहां पहुंच भी गए हैं। इस बात की पुष्टि मुजफ्फरपुर के रेल एसपी ने कर दी है। जिस दिन सिकंदराबाद स्टेशन पर पार्सल बुक हुआ था, उस दिन के CCTV फुटेज को खंगाला जा रहा है। बुक करने वाले पार्सल के स्टाफ से पूछताछ की जा रही है। फुटेज दिखाकर उसकी पहचान कराई गई है।

इस मामले में जांच एजेंसियों को किसी सुफियान की तलाश है। जो बंडल दरभंगा स्टेशन पर उतारा गया था, उसके उपर यही नाम लिखा हुआ था।

FSL की रिपोर्ट का इंतजार

पार्सल ब्लास्ट में किस तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया गया? इस बारे में रेल पुलिस के अधिकारी अभी कुछ भी नहीं कह रहे हैं। पूछे गए सवाल पर यही जवाब दिया गया कि उन्हें FSL की रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि ब्लास्ट के लिए किन चीजों का इस्तेमाल किया गया था। उससे ही पता चलेगा कि इसका कनेक्शन आतंकी संगठनों से हैं या नहीं? ये किस तरह का मॉड्यूल है? इस पर भी पूरी स्थिति उसके बाद ही साफ होगी।

लग सकती थी ट्रेन में आग

ऐसा माना जा रहा है कि यह घटना किसी बड़ी साजिश का ट्रायल था। 17 जून को दरभंगा स्टेशन पर यह घटना उस वक्त हुई थी, जब पार्सल बोगी से बंडल को प्लेटफॉर्म पर उतारा जा रहा था। अगर यही घटना चलती ट्रेन में होती तो नुकसाल बड़ा होता। चलती ट्रेन में आग लग सकती थी। सरकारी संपत्ति का नुकसान तो होता ही, साथ ही ट्रेन में ट्रैवल कर रहे पैसेंजर्स की जान पर बन आती।

इस बात को पूर्व मध्य रेलवे के CPRO राजेश कुमार भी मानते हैं। सोमवार को भास्कर से हुए बातचीत में राजेश कुमार ने कहा कि चलती ट्रेन में यह घटना होती तो उससे बड़ा नुकसान हो सकता था।

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