होलीका दहन 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, विधि और आध्यात्मिक महत्व

📅 तिथि और शुभ मुहूर्त
साल 2025 में होलीका दहन 13 मार्च, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 10:35 बजे शुरू होकर 14 मार्च दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी।

🔹 शुभ मुहूर्त: रात 11:26 बजे से 12:31 बजे तक (1 घंटा 5 मिनट)
🔹 भद्रा काल: शाम 6:57 बजे से 10:22 बजे तक (इस दौरान होलीका दहन वर्जित)
🔹 रंगों वाली होली: 14 मार्च, शुक्रवार को खेली जाएगी।

🔥 होलीका दहन की विधि और अनुष्ठान

➡️ सुबह की तैयारी: भक्त स्नान कर पूजा की सामग्री तैयार करते हैं।
➡️ प्रतिमा स्थापना: गोबर से होलिका और प्रह्लाद की मूर्तियाँ बनाकर पूजा स्थल पर स्थापित की जाती हैं।
➡️ आहुति और भोग: कच्चा सूत, गुड़, हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल और नारियल आदि अर्पित किए जाते हैं।
➡️ आरती और परिक्रमा: परिवार के लोग अग्नि के चारों ओर परिक्रमा कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
➡️ नकारात्मकता का दहन: लोग अपनी बुरी आदतें, परेशानियाँ या नकारात्मकता को कागज पर लिखकर अग्नि में डालते हैं, जिससे सभी बाधाएँ समाप्त हो जाएं।

🌿 आध्यात्मिक महत्व
होलीका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसार, भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए उसके पिता हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलीका को बुलाया, जिसे वरदान था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती। लेकिन जब वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठी, तो स्वयं जल गई और प्रह्लाद को भगवान विष्णु की कृपा से कुछ नहीं हुआ।

इस कथा से सीख मिलती है कि सच्ची भक्ति और अच्छाई की हमेशा विजय होती है। होलीका दहन के साथ हम अपने जीवन से सभी बुरी आदतों और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

🎉 होली के रंगों के साथ मनाएं खुशियों का त्योहार
होलीका दहन के अगले दिन धुलंडी या रंगों वाली होली खेली जाती है। इस दिन रंग, अबीर-गुलाल उड़ाकर लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं और गुजिया, ठंडाई, मालपुआ जैसे पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेते हैं।

👉 होलीका दहन की शुभकामनाएँ!
इस होली, सभी बुरी चीजों को जलाएं और खुशियों से जीवन को रंगीन बनाएं! 🎊