मारा गया कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड, ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सबसे बड़ी कामयाबी
8 मई 2025 | नई दिल्ली/लाहौर/इस्लामाबाद
भारत की खुफिया एजेंसियों और विशेष बलों ने पाकिस्तान के लाहौर में एक गुप्त सैन्य कार्रवाई के तहत 1999 के कंधार हाईजैक कांड के मुख्य साजिशकर्ता को ढेर कर दिया है। इस मिशन को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया — और इसे भारतीय सुरक्षा इतिहास की सबसे साहसी और सटीक कार्रवाइयों में गिना जा रहा है।
कौन था यह टारगेट?
इस ऑपरेशन का निशाना था अजीम शाह (काल्पनिक नाम), जो 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण का मास्टरमाइंड था।
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इस हाईजैक में विमान को कंधार (अफगानिस्तान) ले जाया गया था।
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इसके बदले भारत को मसूद अजहर, उमर शेख और अहमद ज़रग़र जैसे खतरनाक आतंकियों को रिहा करना पड़ा था।
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अजीम शाह वर्षों से पाकिस्तान में छिपा हुआ था और वहां की सुरक्षा एजेंसियों की छाया में रह रहा था।
ऑपरेशन सिंदूर: योजना से अंजाम तक
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स्रोतों के अनुसार, ऑपरेशन की योजना कई महीनों से चल रही थी।
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भारत के रॉ (RAW) और NSG के एक विशेष दस्ते ने सैटेलाइट इंटेलिजेंस, लोकल एसेट्स और साइबर ट्रैकिंग की मदद से उसकी सटीक लोकेशन का पता लगाया।
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ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक ड्रोन, साइलेंट स्ट्राइक हथियारों और AI-नियंत्रित मिशन मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया गया।
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लाहौर के बाहरी इलाके, जहां वह एक सुरक्षित सैन्य अड्डे के पास पनाह ले रहा था, वहीं उसे निशाना बनाया गया।
विशेष बात यह रही कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की एयर डिफेंस यूनिट को भी तगड़ा नुकसान पहुंचा — जिससे साफ है कि यह कार्रवाई गहरी रणनीति और सटीक तकनीक से की गई।
🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक संक्षिप्त बयान में कहा गया:
“भारत अब अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगा। यह ऑपरेशन आतंक के खिलाफ हमारी नीति का स्पष्ट प्रमाण है।”
गृह मंत्री ने भी इस कार्रवाई को “न्याय की जीत” बताया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
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अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता दी है।
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पाकिस्तान ने अब तक कोई आधिकारिक स्वीकारोक्ति नहीं दी है, लेकिन लाहौर में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाई जा रही है।
विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?
“यह ऑपरेशन केवल एक व्यक्ति का अंत नहीं है — यह संदेश है कि भारत अब रणनीतिक सोच, टेक्नोलॉजी और साहस के साथ अपने दुश्मनों से निपटेगा।”
— जनरल (रिटायर्ड) डी.एस. हुड्डा