अरविंद केजरीवाल, जो आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता हैं, ने 15 सितंबर 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

 

यह फैसला उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों के चलते लिया, जिनमें दिल्ली की शराब नीति में कथित अनियमितताओं का आरोप था। केजरीवाल को इन आरोपों के कारण लगभग छह महीने तक हिरासत में रखा गया था। 15 सितंबर को वे जमानत पर रिहा हुए और उसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा की।

 

रिहाई के बाद, केजरीवाल ने कहा कि वे तब तक मुख्यमंत्री पद पर वापस नहीं लौटेंगे जब तक दिल्ली की जनता उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में फिर से समर्थन नहीं देती। उन्होंने यह भी मांग की कि दिल्ली चुनावों को फरवरी 2025 से पहले कराए जाएं, और इसे महाराष्ट्र चुनावों के साथ नवंबर 2024 में आयोजित किया जाए। केजरीवाल का यह बयान राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, क्योंकि वे दिल्ली में अपनी पार्टी के पक्ष में जनादेश की पुष्टि चाहते थे।

 

केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आम आदमी पार्टी ने 21 सितंबर 2024 को आतिशी मार्लेना को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री नियुक्त किया। आतिशी, जो कि पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री हैं, केजरीवाल के इस्तीफे के बाद पार्टी के नेतृत्व में प्रमुख भूमिका में आईं। आतिशी की नियुक्ति दिल्ली के लिए एक नया नेतृत्व साबित हो सकती थी, क्योंकि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किए थे और पार्टी के लिए एक नई दिशा देने का वादा किया था।

 

AAP ने पार्टी और केजरीवाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सख्ती से नकारा किया और दावा किया कि ये आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे। पार्टी ने कहा कि केंद्रीय सरकार और विपक्षी दलों द्वारा उनके खिलाफ किए गए आरोप केवल उन्हें और उनकी पार्टी को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से थे। आम आदमी पार्टी ने इसे अपनी राजनीतिक लड़ाई के रूप में देखा और दावा किया कि वे जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली के राजनीति को एक नए मोड़ पर ला दिया, और दिल्ली के आगामी चुनावों के परिणाम पर गहरी नजरें होंगी।