भारतीय पासपोर्ट भारत सरकार द्वारा विदेश यात्रा के लिए नागरिकों को जारी किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसकी ताकत और वैश्विक रैंकिंग इस बात पर निर्भर करती है कि कितने देशों में यह वीज़ा-फ्री, वीज़ा-ऑन-अराइवल, या इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथराइजेशन (eTA) की सुविधा देता है।


भारतीय पासपोर्ट की वर्तमान रैंकिंग (2025)

  1. हेनले पासपोर्ट इंडेक्स:
    • रैंक: 85वां स्थान।
    • वीज़ा-फ्री और वीज़ा-ऑन-अराइवल पहुंच: 57 देश।
    • मुख्य देश: भूटान, इंडोनेशिया, फिजी, मालदीव, नेपाल और मॉरीशस।
  2. आर्टन कैपिटल पासपोर्ट इंडेक्स:
    • रैंक: 69वां स्थान।
    • मोबिलिटी स्कोर: 75।
    • वीज़ा-फ्री देश: 26।
    • वीज़ा-ऑन-अराइवल: 46 देश।
    • eTA: 3 देश, जैसे श्रीलंका।
  3. गाइड पासपोर्ट रैंकिंग इंडेक्स:
    • रैंक: 87वां स्थान।
    • वैश्विक पहुंच: यह दर्शाता है कि भारतीय पासपोर्ट धारक कितने देशों में बिना वीज़ा यात्रा कर सकते हैं।

वीज़ा-फ्री और वीज़ा-ऑन-अराइवल वाले देश

भारतीय पासपोर्ट धारकों को एशिया, अफ्रीका, कैरेबियन और ओशिनिया जैसे क्षेत्रों में यात्रा की सुविधा प्राप्त है।

एशिया:

  • वीज़ा-फ्री: भूटान, नेपाल, इंडोनेशिया, मालदीव।
  • वीज़ा-ऑन-अराइवल: थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस, टिमोर-लेस्ते।

अफ्रीका:

  • वीज़ा-फ्री: मॉरीशस, सेशेल्स।
  • वीज़ा-ऑन-अराइवल: केन्या, मेडागास्कर, तंजानिया, युगांडा, जिम्बाब्वे।

ओशिनिया:

  • वीज़ा-फ्री: फिजी, समोआ, माइक्रोनेशिया।
  • वीज़ा-ऑन-अराइवल: पलाऊ, तुवालू।

कैरेबियन:

  • वीज़ा-फ्री: बारबाडोस, डोमिनिका, सेंट विंसेंट और ग्रेनाडाइंस।
  • वीज़ा-ऑन-अराइवल: त्रिनिदाद और टोबैगो।

भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए हालिया बदलाव

  1. मलेशिया:
    • भारतीय पर्यटकों के लिए वीज़ा-फ्री यात्रा को दिसंबर 2026 तक बढ़ाया गया।
    • पर्यटन और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया।
  2. इज़राइल:
    • भारतीय नागरिकों के लिए e-Visa प्रणाली शुरू की गई, जिससे यात्रा प्रक्रिया सरल हो गई।
  3. सऊदी अरब:
    • भारतीय नागरिकों को वैध अमेरिकी, ब्रिटिश, या शेंगेन वीज़ा होने पर वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा दी गई।
  4. शेंगेन वीज़ा समझौता:
    • भारत और यूरोपीय संघ के बीच भारतीय यात्रियों के लिए शेंगेन वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाने पर बातचीत चल रही है।

वैश्विक तुलना

भारतीय पासपोर्ट के जरिए 57 देशों में यात्रा की जा सकती है, जबकि शीर्ष रैंकिंग वाले पासपोर्ट धारक:

  • सिंगापुर: 195 देशों में पहुंच।
  • जर्मनी, इटली, जापान: 192 देशों में पहुंच।

भारतीय पासपोर्ट रैंकिंग को प्रभावित करने वाले कारक

  1. कूटनीतिक प्रयास:
    • द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों से यात्रा की पहुंच में सुधार हुआ है।
    • दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के साथ संबंध मजबूत किए जा रहे हैं।
  2. सुरक्षा सुधार:
    • बायोमेट्रिक पासपोर्ट (e-पासपोर्ट) की शुरुआत से सुरक्षा और वैश्विक भरोसा बढ़ा है।
    • ये पासपोर्ट डेटा को एन्क्रिप्ट करके संरक्षित रखते हैं, जिससे जालसाजी मुश्किल हो जाती है।
  3. आर्थिक वृद्धि:
    • भारत की उभरती हुई आर्थिक ताकत इसके पासपोर्ट की वैश्विक स्थिति को दर्शाती है।

भारतीय पासपोर्ट धारकों की चुनौतियां

  1. सख्त वीज़ा नीतियां:
    • अमेरिका और शेंगेन देशों जैसी जगहों के लिए वीज़ा प्रक्रिया लंबी और जटिल है।
  2. विकसित देशों तक सीमित पहुंच:
    • भारतीय पासपोर्ट धारकों को संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और अधिकांश यूरोपीय देशों की यात्रा के लिए वीज़ा की आवश्यकता होती है।

भारतीय पासपोर्ट को मजबूत करने के उपाय

  1. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना:
    • फ्री ट्रेड समझौतों और साझेदारी का विस्तार।
    • पारस्परिक वीज़ा-फ्री यात्रा समझौतों पर बातचीत।
  2. आवेदन प्रक्रिया में सुधार:
    • नागरिकों के लिए पासपोर्ट जारी करने और नवीनीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना।
  3. वैश्विक विश्वास पहल:
    • सॉफ्ट पावर, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक पहलों के जरिए भारत की छवि को बढ़ावा देना।

भविष्य की संभावनाएं

भारत की बढ़ती भू-राजनीतिक ताकत और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार के चलते भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग में सुधार की उम्मीद है। G20 की अध्यक्षता और ASEAN व BRICS देशों के साथ समझौतों से भारतीय यात्रियों के लिए सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।