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वंदे भारत ट्रेन का दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल

वंदे भारत ट्रेन का दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल, जो जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बना है, से गुजरना वास्तव में गर्व और रोमांच का क्षण है। यह अद्भुत पुल भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और आधुनिक तकनीक का शानदार उदाहरण है। यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, जो कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ने के लिए बनाया गया है।

चिनाब पुल की खासियतें

  • ऊंचाई: यह पुल नदी तल से 359 मीटर (1,178 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे एफिल टॉवर से भी ऊंचा बनाता है।
  • लंबाई: पुल की कुल लंबाई 1,315 मीटर है, जिसमें 467 मीटर का स्टील आर्च शामिल है।
  • निर्माण: स्टील और कंक्रीट से बना यह पुल 266 किमी/घंटा की तेज़ हवाओं, भूकंप, और हिमालय के चरम तापमान का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • प्रमुख विशेषताएं:
    • पुल में सुरक्षा के लिए विंड सेंसर लगाए गए हैं, जो खराब मौसम में ट्रेन संचालन को सुरक्षित बनाते हैं।
    • यह ब्लास्ट-प्रूफ डिज़ाइन पर आधारित है, जिससे यह किसी भी संभावित खतरे का सामना कर सकता है।
    • पुल की आयु लगभग 120 साल तक रहने के लिए बनाई गई है, जो भारत की दीर्घकालिक सोच को दर्शाती है।

वंदे भारत ट्रेन और चिनाब पुल

वंदे भारत ट्रेन, जो अपनी आधुनिक सुविधाओं और आरामदायक यात्रा अनुभव के लिए जानी जाती है, का इस पुल से गुजरना भारत की प्रगति का प्रतीक है। यह दृश्य तकनीकी और राष्ट्रीय गौरव का उदाहरण है।

पुल का महत्व

  1. सामरिक दृष्टिकोण: यह पुल क्षेत्र में सैनिकों और संसाधनों की रणनीतिक आवाजाही को आसान बनाता है, जो कि जम्मू-कश्मीर की संवेदनशीलता के कारण महत्वपूर्ण है।
  2. संपर्क: यह पुल USBRL परियोजना का एक अहम हिस्सा है, जो कश्मीर घाटी को भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ेगा और यात्रा को सुगम बनाएगा।
  3. आर्थिक विकास: बेहतर रेल संपर्क से पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र में समृद्धि आएगी।

निर्माण में आई चुनौतियां

  • इस परियोजना को ऊंचाई पर कठिन भूभाग, मौसम की कठोर परिस्थितियों और निर्माण संबंधी जटिलताओं जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इन समस्याओं को उन्नत तकनीकों और नवीन तरीकों की मदद से हल किया गया।