Home Business Budget 2023: इनकम टैक्स से लेकर HRA तक, इस बार बजट में Salaried Employees की है ये मांग

Budget 2023: इनकम टैक्स से लेकर HRA तक, इस बार बजट में Salaried Employees की है ये मांग

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Budget 2023: इनकम टैक्स से लेकर HRA तक, इस बार बजट में Salaried Employees की है ये मांग

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Income Tax: देश में कुछ ही दिनों में आम बजट पेश किया जाना है. बजट से पहले लोगों की कुछ उम्मीदें भी होती है. वहीं इस बार बजट से लोगों को काफी उम्मीद हैं क्योंकि मोदी सरकार 2.0 का यह आखिरी पूर्ण बजट है. इस बीच देश में वेतनभोगी कर्मचारी टैक्सपेयर्स का सबसे बड़ा समूह हैं. ऐसे में इन लोगों को बजट में कुछ राहत मिलने से इस समूह पर काफी बड़ा असर पड़ सकता है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री के जरिए केंद्रीय बजट 2023 की घोषणा से पहले वेतनभोगी कर्मचारी कर कटौती और स्लैब दरों में इजाफे पर कुछ प्रमुख घोषणाओं की उम्मीद कर रहे हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में…

केंद्रीय बजट 2023 से वेतनभोगी कर्मचारियों की कुछ प्रमुख उम्मीदें इस प्रकार हैं:

टैक्स स्लैब में संशोधन
वर्तमान में टैक्सपेयर्स टैक्स दाखिल करते समय दो कर व्यवस्थाओं के बीच चयन कर सकते हैं, जिसके माध्यम से उनकी आय 2.5 लाख रुपये तक टैक्स फ्री है और 5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स रिबेट भी मिल जाती है. ऐसे में वेतनभोगी कर्मचारी जो प्रमुख करदाता हैं, उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल के केंद्रीय बजट में सरकार बुनियादी टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये कर देगी.

HRA
वेतनभोगी कर्मचारियों का अनुमान है कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की गणना के लिए मेट्रो शहरों की परिभाषा में संशोधन की आवश्यकता है. वर्तमान में केवल चार शहर – दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई मेट्रो शहरों की श्रेणी में आते हैं और इन शहरों में कर्मचारियों को एचआरए कटौती के माध्यम से लाभ मिलता है. हालांकि, बेंगलुरु जैसे अन्य शहरों में रहने की लागत, जिसे भारत की सिलिकॉन वैली माना जाता है और आईटी/आईटी-सक्षम क्षेत्र में लगभग 1.5 मिलियन लोगों को रोजगार मिला है, में भी इजाफा हुआ है; इस प्रकार लोग चाहते हैं कि एचआरए में कटौती हो.

घर खरीदारों के लिए टैक्स छूट
किफायती आवास को बढ़ाने के लिए केंद्रीय बजट 2023 से वेतनभोगी घर खरीदार सरकार से अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद कर रहे हैं. वर्तमान में आयकर अधिनियम की धारा 24बी घर खरीदारों को आवास ऋण पर भुगतान किए गए वार्षिक ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की कर कटौती का दावा करने की अनुमति देती है. करदाताओं को उम्मीद है कि इस साल के बजट में सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर देगी. इसके अलावा घर खरीदार धारा 80 सी के तहत आवास ऋण पर भुगतान की गई मूल राशि के लिए 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं और इस सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की उम्मीद कर रहे हैं.

पर्सनल लोन पर छूट
एजुकेशन लोन और पर्सनल लोन में देश के लोन मार्केट का 35 प्रतिशत शामिल है. आयकर अधिनियम की धारा 80ई केवल एजुकेशन लोन पर ब्याज पर छूट की सीमा प्रदान करती है और पर्सनल लोन लेने वालों के लिए कोई छूट प्रदान नहीं की जाती है. इस साल पर्सनल लोन लेने वाले वेतनभोगी कर्मचारी भी कुछ छूट की उम्मीद कर रहे होंगे.

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