ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान हिल गया: आंतरिक रिपोर्ट में प्रमुख हवाई अड्डों पर तबाही का खुलासा, नूर खान सबसे ज्यादा प्रभावित

ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान हिल गया: आंतरिक रिपोर्ट में प्रमुख हवाई अड्डों पर तबाही का खुलासा, नूर खान सबसे ज्यादा प्रभावित

रावलपिंडी, पाकिस्तान – 25 मई, 2025 – पाकिस्तान वायु सेना (PAF) की एक लीक हुई आंतरिक रिपोर्ट ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर के विनाशकारी प्रभाव को उजागर किया है, जिसमें पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए। रावलपिंडी में स्थित नूर खान हवाई अड्डा सबसे अधिक प्रभावित हुआ। 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए इन हमलों ने पाकिस्तान की सैन्य संरचना को हिलाकर रख दिया है, जिससे भारत-पाकिस्तान तनाव में भारी वृद्धि हुई है और भारत की उन्नत सैन्य क्षमता प्रदर्शित हुई है।

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पाकिस्तान वायु सेना को करारा झटका

ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई, 2025 को शुरू हुआ, पहलगाम हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। भारतीय वायु सेना (IAF) ने अन्य सशस्त्र बलों के साथ मिलकर आतंकी ढांचे और प्रमुख सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाते हुए एक बहु-चरणीय अभियान चलाया। लीक हुई PAF रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम सात हवाई अड्डों—नूर खान, रफीकी, मुरिद, सक्कर, सियालकोट, भोलारी और जैकोबाबाद—को गंभीर क्षति पहुंची, जिसमें नूर खान हवाई अड्डा सबसे अधिक प्रभावित हुआ।

रावलपिंडी के पास और इस्लामाबाद से केवल 10 किलोमीटर दूर स्थित नूर खान, पाकिस्तान के एयर मोबिलिटी कमांड का केंद्र है। इस अड्डे पर लॉकहीड C-130 हरक्यूलिस परिवहन विमान, इल्यूशिन Il-78 रिफ्यूलर और साब एरिए AEW&C सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण उपकरण रखे हैं। आंतरिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत के सटीक हमलों ने प्रमुख ढांचे को नष्ट कर दिया, जिसमें 24 स्क्वाड्रन “ब्लाइंडर्स” द्वारा संचालित DA-20 इलेक्ट्रॉनिक युद्धक जेट शामिल है, जिससे पाकिस्तान की रडार जैमिंग और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता पूरी तरह ठप हो गई। सैटेलाइट तस्वीरों से व्यापक क्षति की पुष्टि हुई है, जिसमें मुख्य रनवे पर गड्ढे और कम से कम दो सैन्य परिवहन वाहनों के मलबे दिखाई दे रहे हैं।

रणनीतिक ठिकानों पर व्यापक क्षति

तबाही केवल नूर खान तक सीमित नहीं थी। रिपोर्ट में अन्य महत्वपूर्ण हवाई अड्डों पर हुए नुकसान का विवरण दिया गया है:

  • रहीम यार खान हवाई अड्डा: इस अड्डे के एकमात्र रनवे पर 43 फीट व्यास का एक बड़ा गड्ढा बन गया, जो शेख जायद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ साझा है, जिससे यह कम से कम एक सप्ताह तक बंद रहा। इस हमले ने पाकिस्तान के केंद्रीय कमांड संचालन को बाधित किया और नागरिक उड़ानों को रोक दिया।
  • जैकोबाबाद हवाई अड्डा: JF-17 ब्लॉक II जेट और F-16 फाइटिंग फाल्कन जैसे उन्नत उपकरणों का घर, इस अड्डे को विमान हैंगर और सहायक ढांचे को नुकसान पहुंचा, जिसने पाकिस्तान के पश्चिमी हवाई संचालन को पंगु बना दिया।
  • भोलारी हवाई अड्डा: JF-17 थंडर जेट और साब 2000 AEW&C विमानों का ठिकाना, यह पाकिस्तान का नवीनतम अड्डा है, जहां हैंगर सहित संरचनात्मक क्षति हुई, जिसने दक्षिणी हवाई रक्षा समन्वय को कमजोर कर दिया।
  • सक्कर, सियालकोट, पासरूर और सरगोधा हवाई अड्डे: ये अड्डे, जो लॉजिस्टिक्स, ड्रोन संचालन और फाइटर जेट तैनाती के लिए महत्वपूर्ण हैं, रनवे, रडार स्थलों और कमांड सेंटरों को क्षति पहुंची, जिससे पाकिस्तान की परिचालन लचीलापन सीमित हो गया।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि PAF की लगभग 20% बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया, जिससे 4 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जो पहले से ही संकटग्रस्त पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है। हमलों ने कमांड और संचार केंद्रों, बिजली ग्रिड और डिजिटल सैन्य नेटवर्क को भी निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणालियों की कमजोरियां उजागर हुईं। आपातकालीन उपकरणों की मांग, जिसमें 500 केवीए जनरेटर, Intel i9 प्रोसेसर, Nvidia A6000 GPU और CNC मशीनें शामिल हैं, तकनीकी और संरचनात्मक पतन को दर्शाती हैं।

भारत की सटीकता और रणनीतिक संयम

भारतीय अधिकारियों, जिसमें एयर मार्शल एके भारती और लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई शामिल हैं, ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक “केंद्रित, मापा गया और गैर-वृद्धिकारी” जवाब था, जिसका उद्देश्य आतंकी ढांचे को नष्ट करना और आगे की आक्रामकता को रोकना था। 9-10 मई को 90 मिनट में किए गए हमलों में राफेल जेट्स का उपयोग किया गया, जो SCALP मिसाइलों, AASM हैमर ग्लाइड बमों, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों और भारत-इजरायल स्काईस्ट्राइकर लॉइटरिंग मुनिशन्स से लैस थे। विशेष रूप से, भारतीय विमानों ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया, बल्कि लंबी दूरी के स्टैंड-ऑफ हथियारों का उपयोग करके सटीकता हासिल की।

मैक्सर टेक्नोलॉजीज, मिजारविजन और कावास्पेस की सैटेलाइट तस्वीरों ने भारत के दावों की पुष्टि की, जिसमें बड़े गड्ढे, क्षतिग्रस्त हैंगर और बिखरा हुआ मलबा दिखाई दिया। भारतीय आकाश वायु रक्षा प्रणाली ने सैकड़ों पाकिस्तानी ड्रोनों और मिसाइलों को निष्प्रभावी करके भारत की धरती पर किसी भी बड़े नुकसान को रोका।

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पाकिस्तान का जवाब और युद्धविराम

क्षति की विशालता ने पाकिस्तान को युद्धविराम की मांग करने के लिए मजबूर किया, जिसमें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वीकार किया कि भारतीय बैलिस्टिक मिसाइलों ने नूर खान और अन्य स्थानों पर हमला किया, जिसके बाद 10 मई को सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने देर रात कॉल किया। पाकिस्तान की प्रारंभिक अस्वीकृति और मीडिया ब्लैकआउट की कोशिशें सैटेलाइट सबूतों और आंतरिक लीक के सामने ढह गईं। पाकिस्तान के जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमले, जिसमें चीनी PL-15 मिसाइलों और तुर्की बायकर YIHA III कामिकाज़ ड्रोनों का उपयोग शामिल था, भारत की बहु-स्तरीय रक्षा प्रणालियों द्वारा बड़े पैमाने पर रोक दिए गए।

10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता में युद्धविराम की घोषणा की गई, हालांकि उल्लंघन की खबरें आईं, जिसमें श्रीनगर और पंजाब के ऊपर पाकिस्तानी ड्रोन घुसपैठ शामिल थी। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इन कार्यों की निंदा की, पाकिस्तान से युद्धविराम का सम्मान करने का आग्रह किया। पाकिस्तान के न्यूनतम क्षति के दावों के बावजूद, आंतरिक रिपोर्ट सैन्य तबाही का एक गंभीर चित्र प्रस्तुत करती है, जिसमें तत्काल मरम्मत और पुनर्प्राप्ति प्रयास चल रहे हैं।

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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और निहितार्थ

इस ऑपरेशन ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें विश्लेषकों ने भारत की सटीकता और संयम की प्रशंसा की, साथ ही पाकिस्तान की सैन्य संरचना की उजागर कमजोरी को नोट किया। अल्बानी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्रिस्टोफर क्लारी ने क्षति को “महत्वपूर्ण, हालांकि विनाशकारी नहीं” बताया, जिसमें भारत का आतंकी ढांचे को निशाना बनाने और सैन्य प्रभुत्व स्थापित करने का इरादा उजागर हुआ। अटलांटिक काउंसिल ने नोट किया कि इस संघर्ष ने पाकिस्तान की खंडित राजनीतिक ताकतों को एकजुट किया, जिससे उसे युद्धविराम वार्ता में अस्थायी कूटनीतिक बढ़त मिली, लेकिन आलोचकों का तर्क है कि पाकिस्तान की विदेशी हथियारों पर निर्भरता और भारत के हमलों का जवाब देने में विफलता उसकी रणनीतिक कमजोरियों को उजागर करती है।

इस ऑपरेशन ने पश्चिमी सैन्य प्रौद्योगिकियों के बारे में भी चिंताएं बढ़ाई हैं, एक स्विस अखबार ने चीनी निर्मित पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली द्वारा एक भारतीय राफेल जेट को मार गिराने की खबर दी, हालांकि भारत ने किसी भी नुकसान से इनकार किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय स्थिति की निगरानी जारी रखे हुए है, जिसमें भारत ने उच्च सतर्कता बनाए रखी है और भविष्य की किसी भी उकसावे पर “कठोर” जवाब देने की चेतावनी दी है।

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भारत-पाकिस्तान संबंधों में नया सामान्य

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव की गतिशीलता को फिर से परिभाषित किया है, जो संयमित जवाबों से आतंकवाद और सैन्य आक्रामकता के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की ओर बदलाव का संकेत देता है। लीक हुई PAF रिपोर्ट और सैटेलाइट सबूतों ने पाकिस्तान के क्षति को कम करने के प्रयासों को ध्वस्त कर दिया है, जिससे उसकी कमजोरियां दुनिया के सामने उजागर हुई हैं। जैसे-जैसे पाकिस्तान पुनर्निर्माण के लिए जूझ रहा है, भारत का संदेश स्पष्ट है: भविष्य में किसी भी आक्रामकता का त्वरित और मापा गया जवाब मिलेगा।

आगे की अपडेट के लिए बने रहें। अधिक जानकारी के लिए, इंडिया टुडे, द टाइम्स ऑफ इंडिया और ज़ी न्यूज़ जैसे विश्वसनीय स्रोतों का अनुसरण करें।

By Ruby__