100आतंकियों को मार गिराया, ऑपरेशन अभी बाकी है” — रक्षा मंत्री ने दिए ऑपरेशन सिंदूर के दूसरे चरण के संकेत
नई दिल्ली | 8 मई 2025 | विशेष संवाददाता
भारत के रक्षा मंत्री ने गुरुवार सुबह एक ज़बरदस्त बयान देते हुए स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सीमित कार्रवाई नहीं, बल्कि एक विस्तृत और चरणबद्ध सैन्य रणनीति है। उन्होंने दावा किया कि अब तक इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया है, और यह अभियान अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
रक्षा मंत्री का पूरा बयान
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री ने कहा:
“ऑपरेशन सिंदूर की पहली लहर में हमने 100 से अधिक प्रशिक्षित आतंकियों को निशाना बनाकर मार गिराया है। यह कार्रवाई केवल जवाबी हमला नहीं थी — यह भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने का कदम था। भारत अब किसी भी खतरे का इंतज़ार नहीं करेगा, उसे जड़ से खत्म करेगा।”
“ऑपरेशन अभी बाकी है… हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक आतंक का ढांचा पूरी तरह ध्वस्त न हो जाए।”
ऑपरेशन सिंदूर: अब तक की उपलब्धियाँ
उपलब्धि | विवरण |
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✅ 100+ आतंकियों का सफाया | विभिन्न आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक |
✅ 9+ लॉन्च पैड ध्वस्त | LoC पार पीओके और लाहौर के करीब |
✅ कंधार हाईजैक मास्टरमाइंड ढेर | अजीम शाह को लाहौर के बाहरी क्षेत्र में मारा गया |
✅ एयर डिफेंस सिस्टम तबाह | लाहौर के पास पाकिस्तान की SAM यूनिट ध्वस्त |
अगला चरण: क्या हो सकता है?
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर का दूसरा चरण पहले से अधिक गहरा और टारगेटेड हो सकता है। संभावित लक्ष्य:
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PoK के भीतर सक्रिय आतंकी ट्रेनिंग कैम्प्स
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आतंकी नेताओं के हाई-प्रोफाइल ठिकाने
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फंडिंग नेटवर्क और डिजिटल सपोर्ट सिस्टम
वैश्विक प्रतिक्रिया
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अमेरिका और फ्रांस ने भारत के “आत्मरक्षा अधिकार” को सही ठहराया।
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चीन और तुर्की ने संयम बरतने की अपील की।
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UN ने दोनों देशों से तनाव कम करने का आग्रह किया, लेकिन आतंक पर भारत के रुख पर प्रत्यक्ष टिप्पणी से परहेज़ किया।
सामरिक विश्लेषण
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत की Post-Uri Doctrine और Balakot मॉडल का अपग्रेडेड वर्जन है।
“यह अब One-Time Strike नहीं, Strategic Campaign बन चुका है।” — जनरल बी.एस. जसवाल (रिटायर्ड)
निष्कर्ष
रक्षा मंत्री का यह बयान सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि एक संदेश है — कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, आक्रामक सुरक्षा नीति पर चल रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर अब केवल एक कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की निर्णायक नीति बन चुका है।