पेरिस में AI एक्शन समिट में पीएम मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों की भागीदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 10-11 फरवरी 2025 को पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की। इस समिट में वैश्विक नेता, तकनीकी विशेषज्ञ और इनोवेटर इकट्ठा हुए और एआई के भविष्य, इसके प्रभाव और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर चर्चा की।

समिट की मुख्य बातें:

  1. AI में वैश्विक निवेश:

    • फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने 109 बिलियन यूरो का निवेश AI में करने की घोषणा की, जिससे यूरोप की वैश्विक एआई प्रतिस्पर्धा में बढ़त बनाने का उद्देश्य है। इस निवेश से एआई तकनीकों का विकास होगा, खासकर एआई के लिए नैतिकता और नियमन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
    • मैक्रों ने यूरोपीय संघ से एआई नवाचार को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि अमेरिका और चीन पहले से एआई में अग्रणी हैं।
  2. AI नियमन पर अमेरिकी दृष्टिकोण:

    • अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD Vance ने अधिक नियमन के खिलाफ चिंता व्यक्त की और हल्के नियामक दृष्टिकोण का समर्थन किया। उनका मानना था कि अत्यधिक सख्त नियम नवाचार को बाधित कर सकते हैं, खासकर उभरती तकनीकों जैसे एआई में, जहां तेजी से प्रगति महत्वपूर्ण है। यह बयान यूरोपीय नेताओं के दृष्टिकोण से अलग था, जो एआई सिस्टम की सुरक्षा और समानता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत नियमों का समर्थन करते हैं।
  3. वैश्विक सहयोग और AI का नैतिक ढांचा:

    • समिट में वैश्विक सहयोग की अहमियत पर चर्चा की गई, जिसमें नेताओं और विशेषज्ञों ने एआई के विकास में सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने एआई के संभावित जोखिमों जैसे कि नौकरी की कमी, गलत सूचना, और एआई एल्गोरिदम में पक्षपाती होने जैसे मुद्दों से निपटने के उपायों पर बात की।
    • एक वैश्विक एआई शासन ढांचा बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया, ताकि एआई तकनीकों में गोपनीयता, सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
  4. भारत की भूमिका:

    • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत एआई के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है। भारत में स्वास्थ्य, कृषि, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में एआई का उपयोग किया जा रहा है, और मोदी ने इस बात को दोहराया कि भारत एआई विकास में समावेशिता और वैश्विक नैतिक मानकों के अनुरूप कार्य करेगा।
  5. AI नियमन में चुनौतियाँ:

    • समिट में यह भी चर्चा की गई कि विभिन्न देशों में एआई नियमन के दृष्टिकोण में अंतर है। जबकि यूरोपीय नेता सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं अमेरिका नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अधिक लचीले दृष्टिकोण की बात कर रहा है।

AI एक्शन समिट एआई के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक ऐतिहासिक घटना साबित हुई। वैश्विक नेताओं ने एआई के विकास, उपयोग और इसके संभावित प्रभावों पर विचार किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि एआई सभी के लिए सुरक्षित और पारदर्शी रहे। समिट में एआई नियमन पर वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया, ताकि एआई तकनीकों को जिम्मेदारी से विकसित किया जा सके।