रतन टाटा की वसीयत: 500 करोड़ रुपये के उपहार से सब हैरान |
प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनकी वसीयत सार्वजनिक होते ही यह चर्चा का विषय बन गई, खासकर मोहिनी मोहन दत्ता नामक व्यक्ति को दिए गए 500 करोड़ रुपये के उपहार के कारण।
मुख्य लाभार्थी और संपत्ति का बंटवारा
1. मोहिनी मोहन दत्ता (₹500 करोड़)
- 74 वर्षीय दत्ता, जमशेदपुर के एक व्यवसायी हैं, जिनका टाटा से वर्षों पुराना संबंध रहा है।
- वे पहली बार जमशेदपुर में रतन टाटा से मिले थे और बाद में उनकी कंपनी स्टैलियन को टाज ग्रुप ऑफ होटल्स के साथ मर्ज किया गया।
- टाटा ने अपनी कुल संपत्ति का एक-तिहाई हिस्सा, यानी 500 करोड़ रुपये से अधिक, उन्हें सौंपा।
2. परिवार के सदस्य
- उनकी सौतेली बहनें शिरीन और दीना जीजीभॉय को वसीयत का कार्यकारी (executor) नियुक्त किया गया।
- वे पहले से ही कई सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही हैं।
3. परोपकारी कार्य (टाटा फाउंडेशन)
- टाटा की संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को दिया गया है, जो सामाजिक और परोपकारी कार्यों में लगेगा।
4. निजी कर्मचारी और पालतू जानवर
- रतन टाटा ने अपने निजी बटलर सुब्बैया (जो 30+ सालों से उनकी सेवा में थे) के लिए भी आर्थिक सहायता सुनिश्चित की।
- उनके प्रिय पालतू कुत्ते “टीटो” की देखभाल के लिए भी वसीयत में प्रावधान किया गया।
वसीयत के कार्यकारी (Executors)
रतन टाटा ने चार लोगों को अपनी वसीयत का कार्यकारी नियुक्त किया:
- दारियस खंबाटा – प्रसिद्ध वकील
- मेहली मिस्त्री – टाटा ट्रस्ट के बोर्ड सदस्य
- शिरीन जीजीभॉय – सौतेली बहन
- दीना जीजीभॉय – सौतेली बहन
(ध्यान देने योग्य बात यह है कि उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को इसमें शामिल नहीं किया गया।)
संपत्ति का विवरण
रतन टाटा की संपत्ति में शामिल हैं:
- रियल एस्टेट: मुंबई और अलीबाग में शानदार बंगले।
- वित्तीय निवेश: 350 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट।
- लक्जरी कारें: 20-30 महंगी कारों का कलेक्शन।