1984 सिख विरोधी दंगे: सज्जन कुमार को मौत की सजा देने की मांग तेज

1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दोषी करार दिए गए कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के लिए सिख समुदाय ने मृत्युदंड (फांसी) की मांग की है। यह मांग 25 फरवरी 2025 को उस समय उठी जब दिल्ली की एक अदालत में उनकी सजा पर बहस हो रही थी।

क्या है मामला?

सज्जन कुमार को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में 1 नवंबर 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बवेजा जल्द ही उनकी सजा का ऐलान करने वाली हैं।

प्रोसिक्यूशन और पीड़ित परिवार की मांग

  • अभियोजन पक्ष (प्रोसिक्यूशन) ने अदालत से कहा कि यह अपराध “दुर्लभ से दुर्लभतम” (rarest of rare) की श्रेणी में आता है, इसलिए सज्जन कुमार को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
  • पीड़ित परिवारों ने भी सर्वोच्च सजा की मांग करते हुए कहा कि जब तक सज्जन कुमार को फांसी नहीं दी जाती, तब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा

सज्जन कुमार पहले से आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं

सज्जन कुमार 1984 सिख विरोधी दंगों के एक अन्य मामले में आजन्म कारावास (life imprisonment) की सजा पहले से ही भुगत रहे हैं। अब इस नए मामले में क्या सजा मिलेगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

1984 सिख विरोधी दंगे: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि

  • 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिख समुदाय पर हमले हुए।
  • दिल्ली सहित कई शहरों में सिखों की हत्या, लूटपाट और उनके घर-दुकानों को जलाने की घटनाएं हुईं।
  • कई राजनीतिक नेताओं पर दंगों को उकसाने और नेतृत्व करने के आरोप लगे, जिनमें सज्जन कुमार का नाम भी शामिल रहा।