श्रीधर वेम्बु ने छोड़ा ज़ोहो कॉर्प का सीईओ पद, बने चीफ साइंटिस्ट
श्रीधर वेम्बु, ज़ोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक, ने सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है और अब वह कंपनी के चीफ साइंटिस्ट की भूमिका निभाएंगे। यह निर्णय कंपनी की नेतृत्व संरचना में एक महत्वपूर्ण बदलाव है और वेम्बु के व्यक्तिगत और पेशेवर लक्ष्यों को दर्शाता है।
बदलाव से जुड़ी मुख्य बातें:
- नया पद:
- श्रीधर वेम्बु अब ज़ोहो में चीफ साइंटिस्ट के रूप में कार्य करेंगे।
- वह इस नई भूमिका में अनुसंधान और विकास (R&D), खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उन्नत तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
- कारण:
- वेम्बु का कहना है कि यह बदलाव उन्हें तकनीकी कार्यों पर अधिक समय देने और कंपनी के दीर्घकालिक विकास में योगदान करने का अवसर देगा।
- यह कदम उनकी ग्रामीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता को भी समर्थन करता है, जिससे वह ग्रामीण क्षेत्रों में टीमों के साथ करीब से काम कर सकें।
- नए सीईओ:
- ज़ोहो के सह-संस्थापक शैलेश कुमार डेवी को नया ग्रुप सीईओ नियुक्त किया गया है।
- डेवी लंबे समय से ज़ोहो की सफलता में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
- अन्य नेतृत्व परिवर्तन:
- सह-संस्थापक टोनी थॉमस ज़ोहो के अमेरिकी ऑपरेशंस का नेतृत्व करेंगे।
- राजेश गणेशन मैनेजइंजिन (ManageEngine) डिवीजन की जिम्मेदारी संभालेंगे।
- मणि वेम्बु ज़ोहो.कॉम का नेतृत्व करेंगे।
श्रीधर वेम्बु का परिचय:
- श्रीधर वेम्बु 1996 में ज़ोहो (पहले AdventNet) के सह-संस्थापक बने।
- वह अपनी अनूठी सोच और आत्मनिर्भरता के लिए जाने जाते हैं।
- ग्रामीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के चलते, उन्होंने कंपनी का संचालन ग्रामीण भारत से शुरू किया।
ज़ोहो कॉर्पोरेशन:
- ज़ोहो एक वैश्विक स्तर पर अग्रणी बिजनेस सॉफ्टवेयर समाधान प्रदाता कंपनी है, जो 55 से अधिक ऐप्स प्रदान करती है।
- यह कंपनी अपनी आत्मनिर्भरता और नवाचार के लिए जानी जाती है, जिसके पास दुनियाभर में लाखों ग्राहक हैं।
यह नेतृत्व परिवर्तन ज़ोहो के दीर्घकालिक विजन को दर्शाता है, जो नवाचार और उत्कृष्टता के साथ आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देता है।