सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने 8 महीने बाद स्पेसवॉक किया
नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता “सुनी” विलियम्स और बैरी “बुच” विलमोर ने 30 जनवरी 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के बाहर अपना पहला स्पेसवॉक किया। यह स्पेसवॉक उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि वे लगभग 8 महीने से अंतरिक्ष में फंसे हुए थे, जबकि उनकी यात्रा केवल 8 दिन की होनी थी। उनकी वापसी में देरी का कारण बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में आई तकनीकी खराबी थी, जिसने उन्हें पृथ्वी पर सुरक्षित लौटने से रोक दिया।
🚀 मिशन पृष्ठभूमि: 8 दिन की यात्रा बनी 8 महीने की चुनौती
विलियम्स और विलमोर 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से लॉन्च हुए थे। यह नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत एक प्रायोगिक (टेस्ट) मिशन था, जिसमें उन्हें ISS पर सिर्फ 8 दिन बिताने थे और फिर पृथ्वी पर लौटना था।
हालांकि, अंतरिक्ष स्टेशन पर डॉकिंग के तुरंत बाद, स्टारलाइनर में गंभीर तकनीकी समस्याएं सामने आईं, जिससे यह वापसी के लिए असुरक्षित हो गया। मुख्य दिक्कतें थीं:
- थ्रस्टर फेल होना – स्टारलाइनर के कुछ थ्रस्टर (रॉकेट इंजनों) ने काम करना बंद कर दिया, जिससे उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो गया।
- हीलियम लीक – यान के प्रणोदन (प्रॉपल्शन) सिस्टम में गैस लीक हो रही थी, जिससे वापसी जोखिम भरी हो गई।
- सॉफ्टवेयर गड़बड़ी – नेविगेशन और नियंत्रण प्रणाली में भी समस्याएं सामने आईं।
नासा और बोइंग के वैज्ञानिकों ने इन्हें दूर करने की कई कोशिशें कीं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। आखिरकार, नासा को यात्रियों की वापसी को अनिश्चितकाल के लिए टालना पड़ा।
🛰️ 8 महीने बाद पहला स्पेसवॉक
30 जनवरी 2025 को, महीनों की देरी के बाद, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने स्पेस स्टेशन से बाहर कदम रखा। उनका यह स्पेसवॉक (EVA – एक्स्ट्रावेहिक्युलर एक्टिविटी) कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया गया:
✅ ISS के बाहरी उपकरणों की मरम्मत
✅ अंतरिक्ष स्टेशन की बाहरी सतह से माइक्रोबियल सैंपल इकट्ठा करना ताकि यह जांचा जा सके कि बैक्टीरिया अंतरिक्ष में जीवित रह सकते हैं या नहीं
✅ स्टेशन के उपकरणों की स्थिति और संभावित क्षति का निरीक्षण करना
जैसे ही उन्होंने स्टेशन से बाहर कदम रखा, विलमोर ने कहा, “यह रहा, चलो चलते हैं”, और स्पेसवॉक शुरू हुआ। दोनों अंतरिक्ष यात्री घंटों तक बाहरी कार्य करते रहे, जबकि वे ISS से जुड़े रहने के लिए सुरक्षा टेथर (तार) का उपयोग कर रहे थे।
🛑 8 महीने अंतरिक्ष में रहने की चुनौतियाँ
अपेक्षा से अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहना शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से चुनौतीपूर्ण साबित हुआ।
1️⃣ शारीरिक प्रभाव
🚀 मांसपेशियों की कमजोरी और हड्डियों का नुकसान
- गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और हड्डियों की घनत्व (डेन्सिटी) घट जाती है।
- इस प्रभाव को कम करने के लिए अंतरिक्ष यात्री रोज़ाना व्यायाम करते हैं, लेकिन लंबी अवधि तक वहां रहने से जोखिम बढ़ जाता है।
🚀 विकिरण (रेडिएशन) का खतरा
- अंतरिक्ष में रहने से अत्यधिक विकिरण (रेडिएशन) के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है।
- लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
2️⃣ मानसिक और भावनात्मक प्रभाव
👩🚀 तनाव और मानसिक दबाव
- महीनों तक एक छोटे से वातावरण में रहना और वापसी की अनिश्चितता तनाव और चिंता बढ़ा सकती है।
- विलियम्स ने कहा कि वह “याद करने की कोशिश कर रही हैं कि चलना कैसा महसूस होता है”, जो दर्शाता है कि लंबे समय तक भारहीनता में रहना मानसिक रूप से कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
🌍 परिवार से दूर रहना और वापसी की अनिश्चितता
- अंतरिक्ष में फंसे रहने के कारण, वे लगातार वापसी की तारीख बदलने से मानसिक दबाव में रहे।
- नासा ने उन्हें मानसिक स्वास्थ्य सहायता भी प्रदान की ताकि वे इस स्थिति से बेहतर तरीके से निपट सकें।
🚀 आगे क्या? अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी की योजना
चूंकि स्टारलाइनर अब सुरक्षित नहीं है, नासा ने अब स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से उन्हें वापस लाने का फैसला किया है। हालांकि, अभी तक सटीक तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि यह मार्च 2025 से पहले नहीं होगा।
तब तक, विलियम्स और विलमोर ISS पर अपना योगदान जारी रख रहे हैं:
🔬 वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग ले रहे हैं
🛠️ अंतरिक्ष स्टेशन की देखभाल और मरम्मत का कार्य कर रहे हैं
📡 शिक्षा और अनुसंधान कार्यों में योगदान दे रहे हैं
बावजूद इसके कि यह मिशन उम्मीद से बहुत लंबा चला, दोनों अंतरिक्ष यात्री जोश और समर्पण के साथ अपने काम में जुटे हुए हैं।