नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: दर्दनाक हादसा और पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल

नई दिल्ली, 15 फरवरी 2025: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस भयानक हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं।

घटना का विवरण:

यह दर्दनाक घटना तब हुई जब एक ट्रेन के प्लेटफॉर्म में अचानक बदलाव किया गया। हज़ारों यात्री, जिनमें ज़्यादातर लोग प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेले के लिए जा रहे थे, इस बदलाव से भ्रमित हो गए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि भीड़ बेकाबू हो गई और देखते ही देखते भगदड़ मच गई। चश्मदीदों के अनुसार, यात्री एक-दूसरे को धक्का देते हुए प्लेटफॉर्म से ट्रेन पकड़ने की जल्दी में थे। इस अफरातफरी में कई लोगों की जान चली गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने ट्विटर (अब X) पर लिखा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई दुर्घटना हृदयविदारक है। मैं शोक संतप्त परिवारों के साथ हूं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।”

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तत्काल इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और रेलवे सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “इस तरह की घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं और हम सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसा न हो।”

पत्रकारों को धमकाने का मामला:

हालांकि, इस घटना की कवरेज के दौरान एक और चिंताजनक मामला सामने आया है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, रेलवे पुलिस ने इस भगदड़ की रिपोर्टिंग करने आए कुछ पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें कवरेज से रोकने की कोशिश की। पत्रकारों ने आरोप लगाया कि उन्हें धमकाया गया और कैमरे बंद करने के लिए मजबूर किया गया। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि या विस्तृत रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है।

भारत में पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल:

यह पहली बार नहीं है जब भारत में पत्रकारों को इस तरह की धमकियों का सामना करना पड़ा है। 2020 के दिल्ली हिंसा के दौरान भी कई पत्रकारों को रिपोर्टिंग करते समय हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा था। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और अन्य पत्रकार संघों ने इस घटना की निंदा करते हुए पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार से अपील की है।

निष्कर्ष:

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ एक दुखद और चौंकाने वाली घटना है, जिसने न केवल रेलवे प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी एक बार फिर से बहस छेड़ दी है। ऐसे कठिन समय में, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि पत्रकार बिना किसी डर या दबाव के अपनी जिम्मेदारी निभा सकें, ताकि जनता तक सटीक और निष्पक्ष जानकारी पहुंच सके।