डोनाल्ड ट्रंप सऊदी अरब और मिस्र के नेताओं से करेंगे मुलाकात: इजरायली राष्ट्रपति का बयान

इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने खुलासा किया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आने वाले दिनों में सऊदी अरब और मिस्र के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। यह बैठकें विशेष रूप से गाजा पट्टी के पुनर्विकास से जुड़े ट्रंप के हालिया प्रस्ताव के संदर्भ में हो रही हैं।

बैठकों का उद्देश्य

फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में हर्ज़ोग ने कहा कि ट्रंप मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, ट्रंप की जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से भी बातचीत की योजना है। इन बैठकों का मकसद मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता लाने के लिए विभिन्न अरब नेताओं के साथ संवाद स्थापित करना है।

ट्रंप की विवादास्पद गाजा योजना

हाल ही में, ट्रंप ने गाजा पट्टी को पुनर्विकसित करने और वहां के निवासियों को अन्य स्थानों पर बसाने का प्रस्ताव दिया था। इस योजना के तहत गाजा के निवासियों को मिस्र और जॉर्डन में पुनर्वासित किया जाएगा, और अमेरिका गाजा पट्टी को विकसित करने में सहायता करेगा।

हालांकि, यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादास्पद साबित हुआ है। मिस्र, सऊदी अरब और जॉर्डन जैसे कई अरब देशों ने इसे “जातीय सफाई” (Ethnic Cleansing) करार दिया है और इसे पूरी तरह अस्वीकार कर दिया है।

मिस्र ने बुलाई आपातकालीन अरब शिखर बैठक

ट्रंप की इस योजना पर भारी नाराजगी जताते हुए, मिस्र ने 27 फरवरी को अरब लीग की एक आपातकालीन शिखर बैठक बुलाने की घोषणा की है। इस बैठक में गाजा की स्थिति और ट्रंप के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

क्या यह बैठकें तनाव को कम कर पाएंगी?

ट्रंप की सऊदी अरब और मिस्र के नेताओं से मुलाकात इस पूरे मुद्दे को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। हालांकि, क्षेत्रीय तनाव को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि ये बैठकें सकारात्मक परिणाम देंगी या नहीं।

डोनाल्ड ट्रंप की इस कूटनीतिक पहल पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। यदि वे अरब नेताओं को किसी सामूहिक सहमति तक पहुंचाने में सफल होते हैं, तो यह मध्य पूर्व के लिए एक बड़ा घटनाक्रम हो सकता है। लेकिन अगर इन बैठकों से कोई ठोस समाधान नहीं निकलता, तो यह तनाव को और बढ़ा सकता है।