व्हाइट हाउस में ट्रंप-ज़ेलेंस्की की तीखी बहस, अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर संकट

वॉशिंगटन डी.सी., 28 फरवरी 2025 – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक एक कड़े टकराव में बदल गई। बातचीत का उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करना और एक महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करना था, लेकिन दोनों नेताओं के बीच गंभीर मतभेद सामने आए।


व्हाइट हाउस में गर्मा-गर्म बहस

बैठक के दौरान तीन मुख्य मुद्दों पर असहमति देखने को मिली:

1. शांति वार्ता पर विवाद

  • ज़ेलेंस्की का रुख: उन्होंने रूस के साथ किसी भी प्रकार की शांति वार्ता को लेकर संदेह जताया और कहा कि किसी भी क्षेत्र को सौंपना खतरनाक साबित हो सकता है।
  • ट्रंप की राय: ट्रंप ने सुझाव दिया कि यूक्रेन को युद्ध समाप्ति के लिए कुछ क्षेत्रीय रियायतें देनी पड़ सकती हैं। उन्होंने ज़ेलेंस्की को चेतावनी दी:

    “आप तीसरे विश्व युद्ध के साथ खेल रहे हैं।”

बैठक में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि माहौल “बेहद तनावपूर्ण” था और ट्रंप ने यूक्रेन को अमेरिका को युद्ध में घसीटने का आरोप लगाया।

2. अमेरिकी सैन्य सहायता पर मतभेद

  • यूक्रेन की मांग: ज़ेलेंस्की ने अमेरिका से अधिक हथियार और वित्तीय सहायता की मांग की, ताकि रूसी सेना का मुकाबला किया जा सके।
  • ट्रंप का जवाब: ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पहले ही अरबों डॉलर की सहायता दे चुका है और यूरोप के अन्य देश उतनी मदद नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने नाराजगी भरे लहजे में कहा:

“आप लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन आभार कहां है? अमेरिकी करदाता आपकी जिम्मेदारी नहीं उठा सकते।”

इस पर ज़ेलेंस्की ने जवाब दिया कि यूक्रेन केवल अपने लिए नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए लड़ रहा है

3. खनिज समझौता हुआ रद्द

बैठक में अमेरिका और यूक्रेन के बीच एक महत्वपूर्ण खनिज समझौता भी प्रस्तावित था, जिसमें अमेरिकी कंपनियों को यूक्रेन के लिथियम और टाइटेनियम खनिज भंडार तक पहुंच देने की बात थी।

  • यूक्रेन का रुख: ज़ेलेंस्की ने सुरक्षा गारंटी की मांग की, जिससे वे इस सौदे को लेकर आश्वस्त हो सकें।
  • ट्रंप की प्रतिक्रिया: उन्होंने यूक्रेन पर “बहुत ज्यादा शर्तें लगाने” का आरोप लगाया और नाराज होकर समझौते को रद्द कर दिया

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

इस विवाद ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा:

  • यूरोपीय नेताओं का समर्थन

    • स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज़ और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि यूरोप यूक्रेन के साथ खड़ा है और उसे अकेला नहीं छोड़ा जाएगा
  • रूस को फायदा

    • रूसी अधिकारियों ने इस मतभेद का फायदा उठाने की कोशिश की। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यह दर्शाता है कि “यूक्रेन अपने सबसे बड़े सहयोगी (अमेरिका) का भरोसा खो रहा है।”
  • अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर असर

    • विश्लेषकों का मानना है कि इस झगड़े ने अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों को नुकसान पहुंचाया है और आगे अमेरिकी समर्थन को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है

क्या होगा आगे?

यूक्रेन रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक और सैन्य सहायता पर अब सवाल खड़े हो गए हैं। व्हाइट हाउस की इस तीखी बहस के बाद यह देखना होगा कि क्या अमेरिका यूक्रेन का समर्थन जारी रखेगा या यह सहयोग कमजोर पड़ेगा