पुतिन का बयान: 2020 में ट्रंप की पुनः चुनावी जीत से यूक्रेन युद्ध पर प्रभाव
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में एक बयान में दावा किया कि अगर डोनाल्ड ट्रंप 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जीतकर फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बनते, तो यूक्रेन के साथ युद्ध की स्थिति उत्पन्न नहीं होती। पुतिन ने इस बयान में ट्रंप के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि ट्रंप की विदेश नीति की दिशा अलग थी और वह रूस के प्रति अधिक लचीले थे, जिससे यूक्रेन में संघर्ष की संभावना कम होती।
पुतिन का ट्रंप के बारे में विचार:
- विदेश नीति में लचीलापन:
पुतिन ने कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर अमेरिकी विदेश नीति अधिक लचीली और प्रेरणादायक होती। ट्रंप का दृष्टिकोण दुनिया के विभिन्न संकटों को सुलझाने के लिए सीधे संवाद और कूटनीति पर केंद्रित था, जबकि उनकी नीति में शक्तिशाली प्रतिबंधों और सैन्य हस्तक्षेप का इस्तेमाल कम था। - रूस-अमेरिका संबंधों में सुधार:
पुतिन ने यह भी कहा कि ट्रंप के साथ उनकी व्यक्तिगत दोस्ती और समझ थी, जिसके कारण रूस और अमेरिका के बीच तनाव कम होते। ट्रंप और पुतिन के बीच अधिक संवाद होने की संभावना थी, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा और कूटनीतिक सहयोग बढ़ सकता था, और यह यूक्रेन संकट की स्थिति को भी शांत कर सकता था। - ट्रंप का यूक्रेन के प्रति दृष्टिकोण:
पुतिन का मानना था कि ट्रंप यूक्रेन को लेकर उसी प्रकार की कठोर नीति अपनाने के बजाय समझौते की दिशा में सोचते, जो कि रूस के लिए फायदेमंद होती। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप के समय, अमेरिका और रूस के बीच शीत युद्ध की पुनरावृत्ति जैसी स्थिति नहीं बनती।
ट्रंप का यूक्रेन और रूस के बारे में दृष्टिकोण:
- कूटनीति के पक्षधर:
ट्रंप ने अक्सर कूटनीति और संधियों के जरिए वैश्विक समस्याओं को हल करने की बात की है। उनका मानना था कि अमेरिका को अधिकतर मूल्यवान युद्धों में सीधी सैन्य भागीदारी से बचना चाहिए। 2016 में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, उन्होंने रूस के साथ संबंधों को सुधारने की कोशिश की थी, और यही स्थिति 2020 में भी कायम रहती। - यूक्रेन के संघर्ष में हस्तक्षेप:
ट्रंप ने यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप को लेकर किसी प्रकार की स्पष्ट घोषणा नहीं की थी, लेकिन उनके प्रशासन के दौरान सैन्य समर्थन की आपूर्ति सीमित रही थी। ट्रंप ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को एक यूरोपीय समस्या माना था, जिसे यूरोपीय देशों को अपने बलबूते सुलझाना चाहिए। - सैन्य दखल पर संकोच:
ट्रंप का कहना था कि अमेरिका को अपनी सेना को दुनिया के हर हिस्से में तैनात करने से बचना चाहिए और कूटनीतिक प्रयासों के द्वारा समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। इस दृष्टिकोण के तहत, पुतिन का मानना था कि ट्रंप यूक्रेन युद्ध को रोकने में अधिक सक्षम होते।
2022 में यूक्रेन युद्ध और ट्रंप की भूमिका:
- रूस-यूक्रेन युद्ध:
हालांकि ट्रंप के कार्यकाल के दौरान यूक्रेन संघर्ष का कोई बड़ा संकट नहीं था, 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण ने वैश्विक राजनीति को प्रभावित किया। पुतिन का यह बयान बताता है कि वह मानते हैं कि अगर ट्रंप राष्ट्रपति होते, तो रूस के लिए स्थिति अलग होती और शायद यूक्रेन पर आक्रमण की आवश्यकता नहीं पड़ती। - बाइडेन प्रशासन की नीति:
बाइडेन प्रशासन ने रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों और सैन्य समर्थन की नीति अपनाई, जो रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। पुतिन का कहना है कि ट्रंप के शासन में शायद यह संघर्ष उत्पन्न न होता, क्योंकि ट्रंप का रूस के प्रति दृष्टिकोण शांतिपूर्ण था और वह प्रतिबंधों के बजाय संवाद को प्राथमिकता देते थे।