अमेरिका-रूस वार्ता में शामिल नहीं होगा यूक्रेन, सऊदी अरब में बैठक पर उठे सवाल

French President Emmanuel Macron poses with British Prime Minister Keir Starmer during his visit to the Elysee Palace in Paris

अमेरिका और रूस के बीच महत्वपूर्ण वार्ता:

अमेरिका और रूस के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही सऊदी अरब में उच्च स्तरीय वार्ता करने वाले हैं, जिसका उद्देश्य यूक्रेन में जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत को आगे बढ़ाना है।

लेकिन इस बैठक में यूक्रेन को आमंत्रित नहीं किया गया है, जिससे यूक्रेनी और यूरोपीय नेताओं के बीच असंतोष और चिंता बढ़ गई है।


वार्ता के प्रमुख बिंदु:

  • यह बैठक सऊदी अरब में आयोजित होगी, जिसमें अमेरिका की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज, विदेश मंत्री मार्को रूबियो और मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ शामिल होंगे।
  • कई वर्षों के बाद यह अमेरिका और रूस के बीच आमने-सामने की महत्वपूर्ण वार्ता होगी, जिसका मुख्य उद्देश्य यूक्रेन युद्ध के मुद्दे को हल करना है।

यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगियों को वार्ता से अलग रखने पर विवाद:

  • इस वार्ता में यूक्रेन और यूरोपीय देशों को शामिल न करने के फैसले से भारी विवाद खड़ा हो गया है।
  • यूक्रेनी अधिकारियों ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है कि उनकी संप्रभुता और भविष्य से संबंधित मुद्दों पर उन्हें शामिल नहीं किया जा रहा है।
  • यूरोपीय नेताओं ने भी आपात बैठकें बुलाई हैं, खासकर पेरिस में, जहां ब्रिटेन, जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों के नेता यूक्रेन को समर्थन जारी रखने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं।

🇺🇸 अमेरिकी स्थिति और आंतरिक आलोचना:

  • अमेरिका के भीतर भी इस वार्ता को लेकर मतभेद हैं।
  • यूक्रेन के विशेष दूत कीथ केलॉग ने यूरोपीय नेताओं की आलोचना की है कि उन्होंने समाधान के लिए कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया।
  • अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने यूरोप में स्थायी शांति के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, हालांकि यह स्वीकार किया कि निकट भविष्य में यूक्रेन को अपने 2014 से पहले की सीमाएं या नाटो सदस्यता मिलना मुश्किल होगा।

“यूक्रेन के बिना यूक्रेन पर कोई चर्चा नहीं” का सिद्धांत:

  • “Nothing about Ukraine without Ukraine” (यूक्रेन के बिना यूक्रेन पर कोई चर्चा नहीं) एक महत्वपूर्ण राजनयिक सिद्धांत रहा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि यूक्रेन के भविष्य से संबंधित किसी भी वार्ता में यूक्रेनी प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
  • इस बार यूक्रेन को वार्ता से बाहर रखना इस स्थापित सिद्धांत से एक बड़ा विचलन है, जिससे वार्ता की वैधता और संभावित परिणामों पर सवाल उठ रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर:

  • वैश्विक समुदाय इस वार्ता की प्रगति और इसके संभावित परिणामों पर करीबी नजर रख रहा है, खासकर यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय स्थिरता के संदर्भ में।